Depression वाले ट्वीट पर ट्रोल हुए पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार, यूजर्स ने दिए मजेदार जवाब
Pakistan finance minister Ishaq Dar एक ट्वीट करने के बाद पाकिस्तान (Pakistan) के वित्त मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) इन दिनों सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हो रहे हैं। मंत्री नें एक इस्लामी प्रार्थना ट्वीट की थी जिसे लेकर यूजर्स नें मजेदार जवाब दिए हैं।
नई दिल्ली, आनलाइन डेस्क। Ishaq Dar Tweet: पाकिस्तान (Pakistan) के वित्त मंत्री इशाक डार (Ishaq Dar) का एक ट्वीट इन दिनों जमकर वायरल हो रहा है और तमाम यूजर्स इसपर प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं। दरअसल, इस हफ्ते की शुरुआत में चिंता और अवसाद को दूर करने के लिए मंत्री ने एक इस्लामी प्रार्थना ट्वीट की थी। ट्वीट में मंत्री ने अपने फॉलोअर्स के लिए प्रार्थना की कुछ लाइनें भी लिखी थीं। वित्त मंत्री इशाक डार के इस ट्वीट के बाद पाकिस्तान के कई ट्विटर यूजर्स ने इसे देश में बिगड़ती वित्तीय स्थिति से निपटने के तरीके के रूप बता डाला।
'देश की आर्थिक स्थिति हाथ से निकल गई'
मानसिक समस्याओं को दूर करने वाले इस ट्वीट पर लोगों ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि मंत्री विभिन्न देशों और बहुपक्षीय संगठनों से लिए गए कर्ज को चुकाने में चूक नहीं करते हैं। एक यूजर ने जवाब देते हुए यहां तक कह दिया कि,'भाई, हमें भी लोन डिफॉल्ट से बचने की दुआ सुना दीजिए।'' एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा कि, "इसका निश्चित रूप से मतलब है कि देश की आर्थिक स्थिति हाथ से निकल गई है और यहां तक कि अनुभवी वित्त मंत्री भी अल्लाह से प्रार्थना कर रहे हैं कि देश के सामने आने वाले खतरे के बीच होने वाली प्रतिक्रिया से उन्हें बचाया जाए।"
एक यूजर ने कही ये बात
वित्त मंत्री इशाक डार के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए तीसरे ट्विटर यूजर ने लिखा कि, "ब्रिटेन की यात्रा से वापस आने के बाद से हमारे वित्त मंत्री ने हमारे लिए जो सबसे अच्छा काम किया है, वो है एनएबी से अपनी खुद की संपत्ति जारी करना।"
pic.twitter.com/MWkwo6iB8l— Ishaq Dar (@MIshaqDar50) December 5, 2022
खराब है पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति
गौरतलब हे कि, इस हफ्ते की शुरुआत में, पाकिस्तान बिजनेस फोरम (पीबीएफ) ने स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान से देश में 'वित्तीय आपातकाल' के खिलाफ आवश्यक उपाय करने का आह्वान किया था। पीबीएफ के सीईओ ने कहा था कि, "हमारे पास अभी भी 130 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है। अगले तीन वर्षों के लिए हमारा घाटा कम से कम 20 से 30 अरब डॉलर है। इसके अतिरिक्त, मुद्रास्फीति गरीबों को मार रही है। ये एक वित्तीय आपात स्थिति है।"
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