कश्मीर पर अपनी खिल्ली उड़वा रहा पाकिस्तान, इमरान खान के दावे की यूं खुली पोल
पाकिस्तानी विदेश मंत्री और वहां के पीएम इमरान खान उलूल-जलूल के दावे कर रहे हैं और अपने देश की किरकिरी उड़ा रहे हैं।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जब से भारत सरकार ने कश्मीर से धारा 370 हटाने का ऐलान किया है तब से पाकिस्तान कूटनीतिक मोर्चे पर एक के बाद एक मात खा रहा है। हालात यह है कि पाकिस्तानी विदेश मंत्री और वहां के पीएम इमरान खान उलूल-जलूल के दावे कर रहे हैं और अपने देश की किरकिरी उड़ा रहे हैं। ताजा मामला संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचसीआर) में कश्मीर को समर्थन लेने से जुड़ा है जिसके बारे में पीएम खान ने गुरुवार को यह दावा किया कि उनके देश को इस संगठन के 58 सदस्यों का समर्थन मिला है। दूसरी तरफ हकीकत यह है कि यूएनएचसीआर में सिर्फ 47 सदस्य होते हैं। भारत के विदेश मंत्रालय ने इस मुद्दे पर कहा है कि, ''पाकिस्तान को यह समझना चाहिए कि एक ही झूठ को चार-पांच बार दोहराने से वह सच बन जाता है। साथ ही यह भी याद रखना चाहिए कि संदेश देने वाले की विश्वसनीयता कितनी है।''
I commend the 58 countries that joined Pakistan in Human Rights Council on 10 Sept reinforcing demands of int community for India to stop use of force, lift siege, remove other restrictions, respect & protect Kashmiris' rights & resolve Kashmir dispute through UNSC resolutions.
— Imran Khan (@ImranKhanPTI) September 12, 2019
पाकिस्तान की विश्वसनीयता काफी संदेहास्पद
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक दिन पहले यह ट्वीट किया था कि यूएनएचसीआर में कश्मीर पर उसके प्रस्ताव का 60 देशों ने समर्थन दिया है। उसके बाद पीएम इमरान खान ने गुरुवार को यह ट्वीट किया कि, ''कश्मीर में ताकत के इस्तेमाल रोकने, कश्मीरियों के अधिकारों का सम्मान करने व कश्मीर मुद्दे का यूएनएससीआर के तहत समाधान करने के 10 सितंबर के पाकिस्तान के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए 58 सदस्यों की मैं प्रशंसा करता हूं।''
इस बारे मे पूछने पर विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि, ''यह बात हास्यास्पद है कि आतंकियों को पनाह देने वाले और आतंक का केंद्र समझे जाने वाला देश मानवाधिकार के मुद्दे पर वैश्विक समुदाय का प्रतिनिधित्व करने की बात करता है। अल्पसंख्यकों के बारे में उनका रिकार्ड ही अपने आप में सब कुछ कहता है। ऐसे में उनकी विश्वसनीयता काफी संदेहास्पद है और यह बात वैश्विक समुदाय भी अच्छी तरह से समझती है।''
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यूएनएससी की बैठक में कोई बयान जारी नहीं हुआ
सनद रहे कि संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की तरफ से कश्मीर मामले को काफी उठाने की कोशिश की गई है। सबसे पहले उसने चीन के साथ मिल कर यूएनएससी में इसे उठाया था। यूएनएससी की बैठक जरुर हुई लेकिन उसकी तरफ से कोई बयान जारी नहीं किया। उसके बाद से वह यूएन के विभिन्न मंचों पर लगातार हर मौके पर कश्मीर को उठा रहा है और भारत के साथ अपने तनाव की बातों को बहुत बढ़ा चढ़ा कर पेश कर रहा है।
पाकिस्तान की मंशा यह है कि दुनिया भर में यह संदेश जाए कि कश्मीर को लेकर भारत के साथ वह युद्ध के मुहाने पर खड़ा है। हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने यह साफ कर दिया है कि कश्मीर मुद्दा एक द्विपक्षीय मसला है जिसका समाधान दोनो देशों को निकालना होगा। संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुतेरस ने बुधवार को एक तरह से पाकिस्तान की मांग को ठुकरा दिया था और आपसी बातचीत का सुझाव दिया था।
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