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पाकिस्तान की चाल नाकाम, चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमले में भारत को फंसाने की कर रहा था कोशिश

एटीसी-7 के जज ने इस मामले में जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई के दौरान सात जुलाई को शिकायतकर्ता का अदालत में उपस्थित रहना सुनिश्चित करें। समन जारी होने के बावजूद पिछली चार सुनवाई से वे अदालत में उपस्थित नहीं हो रहे हैं।

By Neel RajputEdited By: Published: Sat, 29 May 2021 02:48 PM (IST)Updated: Sat, 29 May 2021 02:48 PM (IST)
पाकिस्तान की चाल नाकाम, चीनी वाणिज्य दूतावास पर हमले में भारत को फंसाने की कर रहा था कोशिश
पाकिस्तान ने बीएलए पर लगाया था भारत की मिलीभगत से हमले का आरोप

कराची, एएनआइ। पाकिस्तान नवंबर 2018 में कराची स्थित चीन के वाणिज्य दूतावास पर हमले से जुड़े एक मामले में भारत का हाथ साबित नहीं कर सका है। एंटी टेरोरिज्म कोर्ट (एटीसी) पाकिस्तान ने अभियोजन पक्ष द्वारा बलूच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) के संदिग्ध सदस्यों के खिलाफ अभियोजन पक्ष द्वारा गवाह पेश करने में नाकाम रहने पर नाखुशी का इजहार किया। इस मामले में दाखिल आरोप पत्र में कहा गया है कि बीएलए ने भारतीय खुफिया एजेंसी रा की मिलीभगत से चीन के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया। इसका मकसद चीन और पाकिस्तान के रिश्तों को नुकसान पहुंचाना और चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना में बाधा डालना था।

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एटीसी-7 के जज ने इस मामले में जांच अधिकारी को निर्देश दिया कि वे अगली सुनवाई के दौरान सात जुलाई को शिकायतकर्ता का अदालत में उपस्थित रहना सुनिश्चित करें। समन जारी होने के बावजूद पिछली चार सुनवाई से वे अदालत में उपस्थित नहीं हो रहे हैं।

अदालत ने जनवरी में पांच लोगों पर हमलावरों को हथियार, ठिकाने और नकदी मुहैया कराने का आरोप लगाया था। भारी हथियारों से लैस तीन आतंकियों ने 23 नवंबर, 2018 को चीन के वाणिज्य दूतावास पर हमला किया था। आरोपपत्र के अनुसार आतंकी वाणिज्य दूतावास में घुस आए और फायरिंग करने लगे। इसके अलावा उन्होंने ग्रेनेड से भी हमला किया। इसमें दो सुरक्षाकर्मियों समेत चार लोग मारे गए।


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