पाकिस्तान में चुनाव आयोग की अजीब हरकत, विश्वसनीयता के मुद्दे पर अपनी ही बैठक से किया वॉकआउट
पाकिस्तान में चुनाव आयोग की अजीब हरकत सामने आई है। यहां विश्वसनीयता के मुद्दे पर पाकिस्तान का चुनाव आयोग अपनी ही बैठक से वॉकआउट कर गया है। पाकिस्तान चुनाव आयोग की छानबीन समिति बैठक से बाहर चली गई।
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान के चुनाव आयोग(Pakistan Election Commission) की अजीबोगरीब हरकत सामने आई है। यहां चुनाव आयोग विश्वसनीयता के मुद्दे पर अपनी ही एक बैठक से वॉकआउट कर गया। पाकिस्तानी अखबार डॉन(Dawn) के मुताबिक पाकिस्तान चुनाव आयोग की छानबीन समिति जो इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को विदेशी फंडिंग की ऑडिटिंग कर रही है वह अपनी ही बैठक से बाहर चली गई जब उससे जांच की विश्वसनीयता को लेकर सवाल किए गए।
पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने चुनाव आयोग की छानबीन समिति पर इमरान खान और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) पर विदेशी फंडिंग की ऑडिटिंग मामले में उदासीन होने का आरोप लगाया है।
बता दें कि इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के खिलाफ विदेशी फंडिंग का मामला नवंबर 2014 में पार्टी के संस्थापक सदस्य अकबर एस बाबर द्वारा दायर किया गया था। उन्होंने पीटीआइ के खातों में गंभीर वित्तीय अनियमितताओं को उजागर किया था। मामला दर्ज किए छह साल बीत चुके हैं। हालांकि, अभी किसी नतीजे पर पहुंचना बाकी है। 11 दलों का पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) इससे पहले मंगलवार को पाकिस्तान चुनाव आयोग के बाहर एकत्रित हो गया था ताकि मामले पर निर्णय की मांग की जा सके।
एक पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (PDM) प्रतिनिधिमंडल, जिसने चुनाव आयोग को फोन किया, उसने बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सिकंदर सुल्तान राजा को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें मामले में शीघ्र निर्णय लेने का आह्वान किया गया। पीडीएम के नेता मौलाना फजलुर रहमान और मरयम नवाज ने इस मामले को 'देश के राजनीतिक इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला' करार दिया है।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के महासचिव एहसान इकबाल ने कहा कि पीटीआइ ने न केवल विदेशी नागरिकों और लॉबी सहित प्रतिबंधित स्रोतों से धन प्राप्त किया, बल्कि मनी लॉन्ड्रिंग में भी लिप्त रहा उन्होंने कहा कि पीटीआई ने अब गलत काम करना कबूल कर लिया है, लेकिन दोष अपने एजेंटों पर डाल दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के अनुबंध कानून के तहत, प्रिंसिपल एजेंटों के कृत्यों के लिए जिम्मेदार था।