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नाजुक मोड़ पर पाकिस्तान अर्थवयवस्था, कर्ज देनी की मंजूरी के बाद अब IMF ने कही यह बात

पाकिस्तान अर्थव्यवस्था अपने सबसे नाजुक मोड़ से गुजर रही है। IMF ने कहा कि पाक को फिलहाल कड़े और महत्वपूर्ण कदम उठाने की जरुरत है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Tue, 09 Jul 2019 04:28 PM (IST)Updated: Tue, 09 Jul 2019 04:28 PM (IST)
नाजुक मोड़ पर पाकिस्तान अर्थवयवस्था, कर्ज देनी की मंजूरी के बाद अब IMF ने कही यह बात
नाजुक मोड़ पर पाकिस्तान अर्थवयवस्था, कर्ज देनी की मंजूरी के बाद अब IMF ने कही यह बात

वॉशिंगटन,प्रेट्र। आईएमएफ (International Monetary Fund) ने कहा कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अपने नाजुक मोड़ पर है जहां उसे सुधारों के एक महत्वाकांक्षी और साहसिक बदलाव की जरूरत है। आईएमएफ का यह बयान एक दिन बाद आया है जब उसने पाकिस्तान को छह अरब डॉलर (करीब 41 हजार करोड़ रुपये) का बेल आउट पैकेज देने की सहमति दे दी है। पाकिस्तान, जिसके पास वर्तमान में 8 अरब अमरीकी डालर (54 हजार करोड़ रूपये)  से कम की मुद्रा आरक्षित है। यह मुद्रा आयात के केवल 1.7 महीनों को कवर करने के लिए पर्याप्त है। जानकारी के लिए बता दें कि इमरान खान सरकार के बाद बेलआउट पैकेज के लिए अगस्त 2018 में वाशिंगटन स्थित अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से संपर्क किया था।

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आईएमएफ ने पिछले सप्ताह औपचारिक रूप से पाकिस्तान को 6 बिलियन अमरीकी डालर के ऋण को मंजूरी दी थी, जो बड़ी राजकोषीय और वित्तीय जरूरतों और 'कमजोर और असंतुलित' विकास के पीछे "महत्वपूर्ण" आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। आईएमएफ कार्यकारी बोर्ड के पहले उप प्रबंध निदेशक और कार्यवाहक अध्यक्ष डेविड लिप्टन ने कहा, 'पाकिस्तान बड़ी वित्तीय और वित्तीय जरूरतों और कमजोर और असंतुलित विकास के पीछे महत्वपूर्ण आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है।'

पिछले हफ्ते, आईएमएफ ने 1980 के दशक के अंत से पाकिस्तान के लिए 13 वें बेलआउट पैकेज को मंजूरी दी। लिप्टन ने कहा कि इस बार का बेलआउट पैकेज USD 6 बिलियन का है, जिसमें से 1 बिलियन USD (लगभग 6.9 करोड़ रूपये) तुरंत दिए जाएंगा। बाकी की राशि अगले तीन वर्षों में दी जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि 2020 का बजट पाकिस्तान के लिए एक महत्वपूर्ण प्ररंभिक कदम है। पाकिस्तान को राजकोषीय उद्देश्यों को पूरा करने के लिएबहु-वर्षीय राजस्व की आवश्यकता होगी। एक लचीला बाजार-निर्धारित विनिमय दर और पर्याप्त रूप से तंग मौद्रिक नीति असंतुलन को सुधारने, और राजकोष पुनर्निर्माण के लिए महत्वपूर्ण होगी। उन्होंने कहा कि उम्मीद है कि पाकिस्तान को जो फंड दिया जा रहा है उससे देश की अर्थव्यवस्था में कुछ सुधार आए। 


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