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ईरान पर अमेरिका की कार्रवाई को मिला पाकिस्तान का समर्थन, फिर करीब आए दोनों देश

अमेरिका द्वारा ईरान में की गई कार्रवाई के खिलाफ पाकिस्तान ने समर्थन दे दिया है। अमेरिका ने 2018 से पाकिस्तान के साथ सैन्य ट्रेनिंग पर रोक लगा दी थी।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sun, 05 Jan 2020 09:29 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jan 2020 09:29 AM (IST)
ईरान पर अमेरिका की कार्रवाई को मिला पाकिस्तान का समर्थन, फिर करीब आए दोनों देश
ईरान पर अमेरिका की कार्रवाई को मिला पाकिस्तान का समर्थन, फिर करीब आए दोनों देश

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान ने इस हफ्ते की शुरुआत में वाशिंगटन के साथ सैन्य सहयोग को फिर से शुरू करके ईरान के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका की कार्रवाई को मौन समर्थन दिया है। दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2018 में पाकिस्तान के साथ सैन्य प्रशिक्षण खत्म कर दिया था। खुफिया सूत्रों का हवाला देते हुए, एशियन लाइट ने बताया कि इस्लामाबाद, जिसने बलूच आतंकवादी हमलों के लिए ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स कमांडर मेजर जनरल कासिम सोलेमानी सोलीमणि को दोषी ठहराया था, उसे  एक पत्थर से दो पक्षियों को मारने का अवसर मिला जब वाशिंगटन ने हवाई हमले के बाद बगदाद अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास समर्थन मांगा।

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दक्षिण मध्य एशियाई मामलों की प्रमुख उप सहायक मंत्री और क्षिण एशिया की शीर्ष अमेरिकी राजनयिक  एलिस वेल्स ने ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी  दी। इतना ही नहीं अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने पाकिस्तान सेना प्रमुख जनरल कमर बाजवा के साथ सुलेमानी की हत्या को लेकर नतीजों पर चर्चा की थी। 

वेल्स ने ट्वीट में कहा कि ट्रंप ने पाकिस्तान के लिए सैन्य प्रशिक्षण कार्यक्रम को फिर से शुरू करने के लिए साझा प्राथमिकताओं पर सहयोग को मजबूत करने और अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा को आगे बढ़ाने के लिए कोशिशें की हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों के बीच सैन्य सहयोग को मजबूत करेगा। पाकिस्तान धीरे-धीरे बाकी देशों के साथ तालमेल बैठा रहा है। हाल ही में पाकिस्तान ने अपने सैनिकों की ट्रेनिंग के लिए रूस के साथ समझौता किया। इसके बाद ट्रंप सरकार की ओर से पाकिस्तान से प्रतिबंध हटाने का फैसला लिया है। 

अमेरिका ने जब पाकिस्तान के साथ अपना सैन्य प्रशिक्षण खत्म किया था इसी के साथ ट्रंप ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 2 अरब डॉलर की मदद को भी रोक दिया था। ट्रंप ने कहा था कि पाकिस्तान को पिछले 15 सालों में दी गई 33 अरब डॉलर की मदद के बदले सिरफ झूठ और धोखा ही दिया है। 


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