चश्मा बिजलीघर के लिए पाकिस्तान ने चीन को नहीं दी गारंटी, परमाणु संयंत्र की 5वीं इकाई का ठप हो सकता है कार्य
पंजाब के चश्मा नाम के स्थान पर चीन की तकनीक पर परमाणु बिजलीघर की चार इकाइयां कार्य कर रही हैं। इनमें प्रत्येक की क्षमता 325 मेगावाट की है। ये इकाइयां सन 2011 से 2017 के बीच शुरू हुई हैं।
इस्लामाबाद, एएनआई। वित्त मंत्रालय द्वारा गारंटी देने से इनकार कर दिए जाने के बाद पाकिस्तान के चश्मा परमाणु बिजलीघर की सी 5 इकाई का कार्य ठप होने की आशंका पैदा हो गई है। चीन सरकार ने इस परमाणु बिजलीघर को 3.7 अरब डालर की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। यह धनराशि इस परमाणु परियोजना की कुल लागत की 85 प्रतिशत होगी। लेकिन चीन यह आर्थिक सहायता देने से पहले पाकिस्तान सरकार से भुगतान की गारंटी चाहता है।
पाक सरकार से गारंटी मांग रही चीन
चीन सरकार इस बाबत पाकिस्तान परमाणु ऊर्जा आयोग (PAEC) की गारंटी पर भरोसा नहीं कर रही बल्कि पाकिस्तान सरकार से गारंटी मांग रही है। पता चला है कि विदेशी सहयोग वाली किसी भी परियोजना में भुगतान की गारंटी देने से अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान सरकार को रोक दिया है। आईएमएफ के कर्ज देने की शर्तों में यह भी एक शर्त है। इसका उद्देश्य पाकिस्तान पर बढ़ते विदेशी कर्ज पर रोक लगाना और उसे कर्ज के जाल में फंसने से बचाना है।
कराची के पास लगीं परमाणु बिजलीघर की तीन इकाइयां
पंजाब के चश्मा नाम के स्थान पर चीन की तकनीक पर परमाणु बिजलीघर की चार इकाइयां कार्य कर रही हैं। इनमें प्रत्येक की क्षमता 325 मेगावाट की है। ये इकाइयां सन 2011 से 2017 के बीच शुरू हुई हैं। वहां पर अब पांचवीं इकाई स्थापित करने के लिए कार्य चल रहा है। विदित हो कि हाल के वर्षों में पाकिस्तान में परमाणु बिजली का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। इसी के तहत कराची के नजदीक पैराडाइज प्वाइंट पर परमाणु बिजलीघर की तीन इकाइयां लगाई गई हैं।