VIDEO: पाक ने भारतीय दंपती को शारदा पीठ में नहीं दी पूजा की अनुमति, 100 किमी दूर तस्वीरों की हुई पूजा
पाकिस्तान ने हांगकांग में रह रहे एक भारतीय दंपती को गुलाम कश्मीर के नीलम घाटी में स्थित शारदा पीठ में पूजा की अनुमति नहीं दी।
नई दिल्ली, एएनआइ। पाकिस्तान ने हांगकांग में रह रहे एक भारतीय दंपती को गुलाम कश्मीर के नीलम घाटी में स्थित शारदा पीठ में पूजा की अनुमति नहीं दी। हालांकि, पीटी वेंकटरमण और सुजाता को पीठ से 100 किमी दूर तस्वीरों की पूजा करने की अनुमति जरूर प्रदान कर दी।
एक वीडियो में वेंकटरमण ने कहा, हम लोग 30 सितंबर को माता शारदा देवी के दर्शन के लिए मुजफ्फराबाद पहुंचे थे। हमने अधिकारियों से दर्शन के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र देने का अनुरोध किया था, लेकिन हमें इसकी अनुमति नहीं दी गई। गुलाम कश्मीर में इस तरह की पूजा 72 साल बाद हुई है। दंपती वैध वीजा पर गुलाम कश्मीर के नीलम घाटी आया था। इस दौरान दो स्थानीय निवासियों ने दंपती की मदद की। दंपति को पीओके (Pok)जाने के लिए एनओसी की जरूरत थी। दंपति ने यात्रा दस्तावेजों के साथ मुजफ्फराबाद में सरकार को दलील दी कि वह हॉन्गकॉन्ग निवासी हैं और वहां से आए हैं। दस्तावेजों की पुष्टि होने के बाद पीओके के पीएम ने दखल दिया और दंपति को एनओसी जारी हुई।
First Puja in 72 years near Sharda Peeth - Abode of Ma Saraswati on the banks of Kishen Ganga in PoK via coordinated efforts of Save Sharda Committee
Heavenly Bliss !
May we soon have Restoration of Sharada Peeth !
Video Courtesy @AninBanerjee @punarutthana @RootsInKashmir pic.twitter.com/nM6nv6MIKP — Kashmiri Pandit (@KashmiriPandit7) October 8, 2019
वेंकटरमण ने कहा कि वे लोग मंदिर से 100 किमी दूर शारदा माता और स्वामी नंदलाल जी जोग की तस्वीर अपने साथ ले गए और किशनगंगा नदी के किनारे 4 अक्टूबर को पूजा की। उन्होंने बताया कि नियंत्रण रेखा पर फायरिंग और तनाव के बाद उन्होंने शारदा पीठ में स्थापित करने के लिए फोटो गुलाम कश्मीर के सिविल सोसाइटी सदस्यों को दे दी।
शारदा पीठ कश्मीरी पंडितों के सबसे पवित्र स्थलों में से एक
गौरलतब है कि शारदा पीठ में 237 ईसा पूर्व सम्राट अशोक के शासनकाल के दौरान स्थापित की गई थी। यहां पर करीब 5,000 साल पुराना मंदिर है। यह भारत के सबसे पुराने मंदिरों में एक है, जो फिलहाल खंडहर हालत में है। यह मंदिर कश्मीरी पंडितों के तीन प्रसिद्ध पवित्र स्थलों में से एक है। उनके दो अन्य पवित्र स्थल अमरनाथ मंदिर और अनंतनाग का मांर्तड सूर्य मंदिर है। बता दें कि कश्मीरी पंडितों से जुड़े संगठन कई सालों से यह कॉरिडोर खोलने की मांग कर रहे हैं। बीच-बीच में पाकिस्तान और जम्मू-कश्मीर के नेता इस कॉरिडोर को खोलने की मांग करते रहते हैं, लेकिन ऐसा होने के लिए दोनों देशों के बीच शांति पूर्ण माहौल होना जरूरी है।