पाकिस्तान कोर्ट ने परवेज मुशर्रफ को चेताया, अगर नहीं लौटे देश तो जबरन लाया जाएगा
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति परेवज मुशर्रफ के देश नहीं लौटने पर कहा कि अगर देश सम्मानजनक तरीके से नहीं लौटते हैं, तब अन्य रास्ता अपनाया जाएगा।
इस्लामाबाद, एजेंसी। पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस साकिब निसार ने पूर्व राष्ट्रपति परेवज मुशर्रफ पर एक मामले में सुनवाई करते हुए सख्त टिपण्णी की है। जज साकिब निसार ने कहा कि अगर केस में सुनवाई के दौरान परवेज मुशर्रफ देश सम्मानजनक तरीके से नहीं लौटते हैं, तो उन्हें वापस लाने के लिए जो तरीका अपनाया जाएगा वो सख्त होगा।
कोर्ट ने क्यों की यह टिपण्णी
मंगलवार को परवेज मुशर्रफ के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी। मुशर्रफ पर 2007 में संविधान को निलंबित करने का आरोप है। इसी दौरान जब मुशर्रफ के वकील ने तीन जजों की बेंच को बताया कि उसके मुवक्किल को कोर्ट पर पूरी आस्था और विश्वास है। उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है साथ ही सुरक्षा कारणों के चलते देश नहीं लौट रहे हैं। इसके बाद ही चीफ जस्टिस साकिब निसार ने यह टिपण्णी की।
इलाज के बहाने देश छोड़ कर भागे
75 वर्ष के पूर्व सैन्य शासक मुशर्रफ 2016 से दुबई में रह रहे हैं। उन पर देशद्रोह का एक हाई प्रोफाइल केस चल रहा है। वह दो साल पहले पीठ दर्द के इलाज के लिए दुबई गए थे मगर इसके बाद वह पाकिस्तान वापस नहीं आए हैं। कोर्ट में उनके वकील ने लाल मस्जिद केस में भी जजों से जानना चाहा कि क्या उनके खिलाफ कोई मामला है? इस पर जज निसार ने कहा कि उन पर लाल मस्जिद केस में कोई चार्ज नहीं है, मगर राजद्रोह के गंभीर मामले में कोर्ट में उपस्थित होना चाहिए। अगर वह अच्छे और सम्मानजनक तरीके से आते हैं तो ठीक नहीं तो कोर्ट उन्हें जबरिया लाने का रास्ता निकालेगा जो सम्मानजनक नहीं होगा।
कोर्ट ने पूछा- कमांडो क्यों नहीं दिखा रहे साहस
चीफ जस्टिस साकिब निसार ने कहा कि कमांडो को आज साहस दिखाना चाहिए। सवालिया लहजे में कोर्ट ने पूछा कि आखिर नहीं लौट रहे आपके साहसी कमांडो? सुरक्षा के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि मैंने पहले ही बता दिया था कि उन्हें लौटने पर पर्याप्त सुरक्षा मिलेगी। यह उच्चतम अदालत का वादा है।
मुशर्रफ को कोर्ट में आना चाहिए यह उनका कर्तव्य है।मुख्य न्यायाधीश ने आगे कहा कि लौटने पर किसी भी हाल में उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाएगा, चाहे केस में जो भी परिणाम आए। कोर्ट ने एक हफ्ते में मुशर्रफ की मेडिकल रिपोर्ट जमा करने का निर्देश वकील को दिया। कोर्ट में लगातार अनुपस्थित रहने के कारण कोर्ट ने उन्हें पहले ही भगोड़ा घोषित कर रखा है।
क्या है मामला
पूर्व राष्ट्रपति पर संविधान को निलंबित करने और आपातकाल लगाने के लिए राजद्रोह के आरोप में मार्च, 2014 में दोषी पाया गया था। इस हाई प्रोफाइल राजद्रोह के केस में मृत्युदंड या आजीवन कारावास की सजा होती है। मुशर्रफ ने पाकिस्तान पर 1999 से 2008 तक शासन किया था उन्हें बेनजीर भुट्टो मर्डर और लाल मस्जिद केस में पहलेे ही भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।