पाकिस्तान में सुप्रीम कोर्ट के जज के खिलाफ मामला खत्म, इमरान सरकार को झटका
पाकिस्तान में अपने साहसी रवैये के लिए पहचाने जाने वाले जस्टिस ईसा को वहां की सुप्रीम कोर्ट ने शीर्ष अदालत से बाहर करने के लिए सरकार के प्रयास को विफल कर दिया है।
इस्लामाबाद (प्रेट्र)। पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को शीर्ष अदालत से न्यायमूर्ति काजी फैज ईसा को बाहर करने के लिए सरकार के प्रयास को विफल कर दिया और कहा कि उनके खिलाफ मामले का कोई कानूनी प्रभाव नहीं है। जस्टिस ईसा पाकिस्तान में अपने साहसी रवैये के लिए जाने जाते हैं। 2018 में फैजाबाद और इस्लामाबाद में विरोध प्रदर्शनों के खराब संचालन के लिए उन्होंने सुरक्षा एजेंसियों की कड़ी आलोचना की थी।
राष्ट्रपति आरिफ अल्वी के माध्यम से इमरान खान सरकार ने पिछले साल सुप्रीम कोर्ट में ईसा के खिलाफ मामला दायर किया था। इसमें उन्हें अपनी पत्नी और बच्चों के मालिकाना हक वाली ऑफशोर कंपनियों में बारे में बात छिपाने के लिए बर्खास्त करने की अपील की थी। सरकार ने उन्हें पद से हटाने के लिए सर्वोच्च न्यायिक परिषद (एसजेसी) में आवेदन दायर किया था।
शुक्रवार को संक्षिप्त फैसले में जस्टिस उमर अता बंदियाल ने कहा कि पीठ ने सर्वसम्मति से मामले को खारिज कर दिया है। विस्तृत फैसला बाद में सुनाया जाएगा। जस्टिस बंदियाल अपने सहयोगी ईसा द्वारा सरकार के आवेदन के खिलाफ दायर मामले में 10 न्यायाधीशों की पूर्ण अदालत की पीठ का नेतृत्व कर रहे थे। एक दिन पहले ईसा की पत्नी ने वीडियो लिंक के माध्यम से अदालत के सामने अपना बयान दर्ज किया था और ब्रिटेन में तीन संपत्तियों की जानकारी दी थी। एसजेसी एक संवैधानिक निकाय है, जिसे कदाचार या भ्रष्टाचार की किसी भी शिकायत पर शीर्ष न्यायपालिका के न्यायाधीशों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है।
इमरान सरकार के लिए इसको एक बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं ये विपक्ष के लिए एक बड़ा मुद्दा भी बन सकता है। विपक्ष पहले से ही इमरान सरकार को घेरने की कोई कोशिश नहीं छोड़ना चाहते हैं। कोविड-19 को लेकर भी लगातार विपक्ष और कोर्ट सरकार को लताड़ लगाता रहा है। विपक्ष इस मुद्दे को अपने हाथों से नहीं जाने देना चाहता है और वहीं जस्टिस ईसा पर आए फैसले से विपक्ष मजबूत होता दिखाई दे रहा है।