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पाक ने फ्रांसीसी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना के मीडिया कवरेज पर लगाई रोक, दिया यह हवाला

पाकिस्तान की आतंक रोधी अदालत यानी एटीसी (Lahore Anti Terrorism Court) ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण को पिछले महीने लाहौर सियालकोट हाईवे पर हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना से संबंधित खबरों के प्रसारण पर रोक लगाने का निर्देश दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 06:05 AM (IST)Updated: Sun, 04 Oct 2020 06:05 AM (IST)
पाक ने फ्रांसीसी महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म की घटना के मीडिया कवरेज पर लगाई रोक, दिया यह हवाला
पाक में लाहौर-सियालकोट हाईवे पर हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना से संबंधित खबरों का प्रसारण रोक दिया गया है।

लाहौर, एजेंसियां। महिलाओं और अल्‍पसंख्‍यकों पर अत्‍याचार की शर्मशार करने वाली घटनाओं के चलते पाकिस्‍तान की दुनियाभर में बदनामी हो रही है। ऐसी घटनाएं दुनिया के सामने न आएं इसके लिए वह नित नए हथकंडे अपना रहा है। अब पाकिस्तान की आतंक रोधी अदालत (एटीसी) ने इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियामक प्राधिकरण को विगत माह लाहौर-सियालकोट हाईवे पर हुई सामूहिक दुष्कर्म की घटना से संबंधित खबरें प्रतिबंधित करने का निर्देश दिया है।

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गौरतलब है कि फ्रांस की रहने वाली एक महिला अपने दो बच्चों के साथ लाहौर-सियालकोट हाईवे से गुजर रही थी। रास्ते में उसकी कार अचानक खराब हो गई थी। इस दौरान कुछ लोगों ने कार से खींचकर बच्चों के सामने ही सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस घटना को लेकर देशभर में आक्रोश पैदा हुआ था। इस मामले में एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है लेकिन मुख्य आरेापी आबिद माल्ही अब भी फरार है।

इस घटना को लेकर दुनियाभर में पाकिस्‍तान को शर्मशार होना पड़ा है। नतीजतन आतंकवाद निरोधक अदालत ने पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया नियमन प्राधिकरण को इस घटना के बारे में कुछ भी प्रसारित करने पर रोक लगाने का आदेश दिया है। अदालत की मानें तो यह आदेश लाहौर पुलिस के अनुरोध पर दिया गया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, प्राधिकरण ने अदालत के उक्‍त आदेश पर अमल करते हुए सभी चैनलों को निर्देशित भी कर दिया है।

समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट में कहा गया है कि जांच अधिकारी जुल्फिकार चीमा ने एटीसी के समक्ष याचिका दायर की थी, जिसमें घटना के मीडिया कवरेज पर प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी। उन्होंने कहा था कि इस जघन्य घटना को मीडिया बड़ी ही लापरवाही के साथ दिखा रहा है। इस पर विचार करते हुए कोर्ट ने उक्त आदेश दिया। सनद रहे बीते दिनों भारत ने यूएन मानवाधिकार परिषद में कहा था कि पाक में महिलाओं, बच्‍चों और अल्‍पसंख्‍यकों पर ज्‍यादतियां थम नहीं रही हैं।


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