पाकिस्तान में भी सरकार और न्यायपालिका आमने-सामने, प्रधानमंत्री को कोर्ट का नोटिस
वकील अज़र सिद्दीकी ने कहा कि अब अब्बासी ने सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद ही बोलने शुरू कर दिया था।
लाहौर, पीटीआइ। भारत में ही नहीं पाकिस्तान में भी न्यायपालिका और सरकार के बीच रिश्ते कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं। मीडिया में आइ रिपोर्ट के मुताबिक, एक पाकिस्तानी अदालत ने प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी को न्यायपालिका विरोधी भाषण के लिए कथित तौर पर एक नोटिस जारी कर दिया है, जिसमें उन्होंने पनामा पेपर्स लीक के फैसले को 'कचरे का टुकड़ा' कहा था।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वकील अज़र सिद्दीकी ने लाहौर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने कहा कि अब्बासी की पनामा पेपर्स लीक मामले पर अदालत के फैसले पर की गई टिप्पणी 'कोर्ट की अवमानना' है, जिसके लिए उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
न्यायमूर्ति शाहिद करीम की अदालत में अपना मामला पेश करते हुए याचिकाकर्ता ने कहा कि इस तरह के एक भड़काऊ वक्तव्य के द्वारा, अब्बासी न्यायपालिका को विवादास्पद बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पहले हटाए गए प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम ने अपने भाषणों में सर्वोच्च न्यायालय और उसके न्यायाधीशों की खुलेआम आलोचना की थी और न्यायपालिका के खिलाफ सार्वजनिक भावना को भड़काने की कोशिश की थी।
वकील अज़र सिद्दीकी ने कहा कि अब अब्बासी ने सर्वोच्च न्यायालय के खिलाफ प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद ही बोलने शुरू कर दिया था। उन्होंने न्यायालय से अब्बासी के खिलाफ अदालत की कार्यवाही की अवमानना का मामला शुरू करने का अनुरोध किया और कहा कि पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया विनियामक प्राधिकरण (पीईएमआरए) को निर्देश दिया जाना चाहिए कि वे न्यूज चैनल को न्यायपालिका को लक्षित प्रधानमंत्री के भाषणों को प्रसारित करने से रोक दें।
अदालत ने अब्बासी, संघीय सरकार और पीईएमआरए को नोटिस जारी कर अगली सुनवाई (15 जनवरी) तक उनसे जवाब मांगा है। गौरतलब है कि पनामा पेपर्स लीक में पाकिस्तान के अपदस्थ प्रधानमंत्री नवाज शरीफ का भी नाम सामने आया था। पनामा मामले में नाम आने के बाद पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने 28 जुलाई को नवाज शरीफ को अघोषित आय के लिए प्रधानमंत्री पद के अयोग्य घोषित किया था। पाकिस्तान के शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो को उनके और उनके बच्चों के खिलाफ जवाबदेही अदालत में मामला दायर करने और सुनवाई अदालत को छह महीने में सुनवाई पूरी करने के निर्देश दिए थे।
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