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पाकिस्तान ने कश्मीर के अलगाववादी नेता गिलानी को 'निशान-ए-पाकिस्तान' से नवाजा

पाकिस्तान ने कश्मीरियों पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए ही गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान से नवाजने का दांव चला है।

By Tilak RajEdited By: Published: Fri, 14 Aug 2020 06:02 PM (IST)Updated: Fri, 14 Aug 2020 06:02 PM (IST)
पाकिस्तान ने कश्मीर के अलगाववादी नेता गिलानी को 'निशान-ए-पाकिस्तान' से नवाजा
पाकिस्तान ने कश्मीर के अलगाववादी नेता गिलानी को 'निशान-ए-पाकिस्तान' से नवाजा

इस्लामाबाद, एजेंसी। कश्मीर बनेगा पाकिस्तान का नारा देने वाले वयोवृद्ध कट्टरपंथी सैयद अली शाह गिलानी को पाकिस्तान ने सबसे बड़े नागरिक सम्मान निशान-ए-पाकिस्तान से नवाजा है। गिलानी को शुक्रवार 14 अगस्त को निशान-ए-पाकिस्तान दिया गया। निशान-ए-पाकिस्तान पाक के स्वतंत्रता दिवस पर इस्लामाबाद में हुए कार्यक्रम में दिया गया। हालांकि, गिलानी इस सम्‍मान को लेने के लिए खुद कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए।

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पाकिस्‍तान में हुए कार्यक्रम के दौरान पूर्व हुर्रियत नेता को यह सम्मान राष्ट्रपति आरिफ रिजवी ने दिया। स्थानीय हुर्रियत नेताओं ने गिलानी की जगह यह सम्मान लिया। बता दें कि कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने गिलानी को यह सम्‍मान देने का एलान किया था। सिर्फ यही नहीं, इस्लामाबाद में गिलानी के नाम पर एक विश्वविद्यालय स्थापित करने और जीवन गाथा को स्कूली पाठयक्रम में शामिल करने का भी प्रस्ताव पास किया गया है।

दरअसल, पाकिस्तान ने कश्मीरियों पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए ही गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान से नवाजने का दांव चला है। पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को लागू करने व अनुच्छेद 370 को समाप्त करने का एक साल पूरा हुआ है। ऐसे में पाकिस्‍तान फिर नापाक हरकतों को अंजाम दे रहा है।

पाकिस्तान और कश्मीर की सियासत पर नजर रखने वालों के मुताबिक, गिलानी को यह सम्मान सिर्फ कश्मीर के अलगाववादी खेमे पर अपनी पकड़ बनाए रखने और कट्टरपंथी गिलानी व उनके समर्थकों को शांत कर मनाने की पाकिस्तान की एक कोशिश है। गिलानी और पाकिस्तान के बीच कश्मीर संबंधी मुद्दों पर मतभेद चल रहे हैं। गिलानी को निशान-ए-पाकिस्तान प्रदान कर पाकिस्तान एक तरह से उन्हें चुप करवाना चाहता है।


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