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बलूचिस्तान में महिलाओं को निशाना बना रही PAK सेना, बलोच नेता ने लगाया युद्ध अपराध का आरोप

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बलूच महिलाओं के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के जुल्म पर बलोच नेता ने कहा है कि पाकिस्तान में युद्ध जैसे अपराध हो रहे हैं।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Wed, 18 Dec 2019 10:56 AM (IST)Updated: Wed, 18 Dec 2019 11:45 AM (IST)
बलूचिस्तान में महिलाओं को निशाना बना रही PAK सेना, बलोच नेता ने लगाया युद्ध अपराध का आरोप
बलूचिस्तान में महिलाओं को निशाना बना रही PAK सेना, बलोच नेता ने लगाया युद्ध अपराध का आरोप

बलूचिस्तान, एएनआइ। पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बलूच महिलाओं के अपहरण और उनकी मौत  के मामले बढ़ते जा रहे हैं। इस बीच पाकिस्तान के क्वेटा से बलूच महिलाओं के अपहरण के लिए पाकिस्तान के सुरक्षा बलों की निंदा करते हुए बलोच नेता अल्लाह नज़र बलोच ने पाकिस्तान पर युद्ध अपराध करने का आरोप लगाया है। उन्होंने पाकिस्तानी सेना पर बलूचिस्तान की महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों पर जुल्म करने का आरोप लगाया है।

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अल्लाह नज़र बलूच ने कहा है, 'पाकिस्तान दिन के उजाले में और दुनिया की नज़रों के सामने युद्ध अपराध कर रहा है।हम अपने दुश्मनों से स्वतंत्रता सेनानियों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को बख्शने के लिए नहीं कहते हैं, लेकिन हमने हमेशा कहा है कि दुनिया को पाकिस्तान को युद्ध के कानूनों का सम्मान करने के लिए बाध्य करना चाहिए। हमने बार-बार दुनिया से अपील की है कि युद्ध के कानूनों का पालन करने के लिए पाकिस्तान को मजबूर किया जाए, लेकिन बदले में, वे हमारी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को पाकिस्तान के सशस्त्र बलों द्वारा अपहरण और मारा जा रहा है।'

उन्होंने आगे कहा, 'क्वेटा से महिलाओं, छोटे बच्चों और बुजुर्ग बलूच का अपहरण और लापता होना पाकिस्तान की सामूहिक दंड नीति की निरंतरता और बंदूकों के माध्यम से युद्ध के अंतर्राष्ट्रीय कानूनों की अवहेलना करने का एक साफ संकेत है।'

यूएन से दखल की अपील

बलूचिस्तान के लोगों की जान बचाने के लिए कार्रवाई नहीं होने से परेशान बलोच नेता ने इस मामले में संयुक्त राष्ट्र के दखल की बात कही है। नजर ने आगे कहा, 'जब हम किसी कानून की बात करते हैं  तो यह कानून के निर्माण तक सीमित नहीं होना चाहिए, इसे लागू करने की जिम्मेदारी है। इसी तरह, जब हम युद्ध कानूनों या संयुक्त राष्ट्र के सम्मेलनों की बात करते हैं तो यह संयुक्त राष्ट्र की बाध्यता है। अल्लाह नजर ने कहा कि उन कानूनों को लागू करने के लिए हस्ताक्षर किए गए लेकिन आश्चर्यजनक रूप से, संयुक्त राष्ट्र सहित पाकिस्तान के संबंध में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय स्पष्ट रूप से अपने कर्तव्यों से बेखबर है।'


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