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टीएलपी के आगे झुके पाकिस्तान ने ईयू के बयान पर जताई आपत्ति, कहा- ना दी जाए नसीहत

पाकिस्तान में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के आगे घुटने टेक रही इमरान सरकार इन दिनों यूरोपीय यूनियन (ईयू) के कड़े रुख से परेशान है। पाकिस्तानी सरकार ने यूरोपीय देशों से कहा है कि दबाव बनाकर उसे नसीहत न दी जाएं।

By Pooja SinghEdited By: Published: Thu, 27 May 2021 07:46 AM (IST)Updated: Thu, 27 May 2021 07:46 AM (IST)
टीएलपी  के आगे झुके पाकिस्तान ने ईयू के बयान पर जताई आपत्ति, कहा- ना दी जाए नसीहत
टीएलपी के आगे झुके पाकिस्तान ने ईयू के बयान पर जताई आपत्ति, कहा- ना दी जाए नसीहत

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान में कट्टरपंथी इस्लामिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के आगे घुटने टेक रही इमरान सरकार इन दिनों यूरोपीय यूनियन (ईयू) के कड़े रुख से परेशान है। पाकिस्तानी सरकार ने यूरोपीय देशों से कहा है कि दबाव बनाकर उसे नसीहत न दी जाएं।

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सरकार देश की परिस्थिति के अनुसार कार्य करने में सक्षम है। टीएलपी की फ्रांसीसी राजदूत को देश से बाहर भेजने की मांग के आगे झुकती सरकार को चेताने वाले ईयू के बयान के बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने प्रतिक्रिया दी है।

पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, सरकार कट्टरपंथी संगठन के साथ कड़ाई से पेश आ रही है। ऐसा हाल के हिंसक प्रदर्शनों के बाद साफ देखा जा सकता है। इसलिए पाकिस्तान सरकार को निर्देशित करने की कोई अन्य देश कोशिश न करे। हमें पता है कि किस तरह से काम करना है। कुरैशी ने यह बात यूरोपीय पार्लियामेंट की विदेशी मामलों की कमेटी के बयान के बाद कही है जिसमें पाकिस्तान के हालात पर चिंता जताई गई थी, सरकार से अपेक्षा की गई थी कि वह सख्त कदम उठाए।

इससे पहले अप्रैल में हुए देशव्यापी हिंसक प्रदर्शनों के बाद सरकार ने टीएलपी को लिखित आश्वासन दिया था कि फ्रांसीसी राजदूत को देश से बाहर भेजने के लिए संसद में प्रस्ताव पेश किया जाएगा। साथ ही हिंसा फैलाने में गिरफ्तार टीएलपी कार्यकर्ताओं पर से मुकदमे वापस लेकर उन्हें रिहा किया जाएगा।

फ्रांस में हुई आतंकी घटनाओं को रोकने के लिए फ्रांसीसी सरकार के उठाए कदमों से नाराज टीएलपी वहां के राजदूत को पाकिस्तान से निष्कासित करने की मांग कर ही है। पाकिस्तान के इस घटनाक्रम से नाराज यूरोपीय यूनियन और वहां की संसद ने प्रस्ताव पारित कर साफ कर दिया कि अगर फ्रांसीसी राजदूत को लेकर कोई अप्रिय फैसला होता है तो यूरोप में बिकने पाकिस्तानी सामान को मिलने वाली सारी रियायतें खत्म हो जाएंगी। ईयू के प्रस्ताव में पाकिस्तान के ईश निंदा कानून की भी निंदा की गई है जिसमें मौत की सजा का प्रविधान है।


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