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अंतरराष्ट्रीय दबाव में झुका पाकिस्तान, आतंकियों पर कार्रवाई के लिए बदला कानून

जैश-ए-मुहम्मद सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित संगठन है। पाकिस्तानी सूत्रों के अनुसार जैश के खिलाफ किसी भी समय कार्रवाई शुरू हो सकती है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Mon, 04 Mar 2019 10:57 PM (IST)Updated: Wed, 06 Mar 2019 07:43 AM (IST)
अंतरराष्ट्रीय दबाव में झुका पाकिस्तान, आतंकियों पर कार्रवाई के लिए बदला कानून
अंतरराष्ट्रीय दबाव में झुका पाकिस्तान, आतंकियों पर कार्रवाई के लिए बदला कानून

इस्लामाबाद, प्रेट्र। आतंकियों पर कार्रवाई के लिए बने अंतरराष्ट्रीय दबाव का ही नतीजा है कि पाकिस्तान ने सोमवार को कानून में बदलाव कर उसे संयुक्त राष्ट्र के फैसलों को लागू करने लायक बनाया। अब पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के मुताबिक आतंकी संगठनों और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई कर सकेगा।

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पाकिस्तान के रुख में यह बदलाव भारत के साथ उसके संबंधों में पैदा तनाव के बाद आया है। पुलवामा में सीआरपीएफ की बस को आतंकी हमले में उड़ाए जाने के बाद भारत ने आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद के पाकिस्तान के बालाकोट स्थित ठिकाने पर हवाई हमला किया था। इसके बाद पूरी दुनिया में किसी भी देश ने पाकिस्तान का साथ नहीं दिया।

उलटे सभी देशों ने भारत का समर्थन करते हुए पाकिस्तान की लताड़ लगाई या फिर उसे आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई की नसीहत दी। हालात की गंभीरता को समझते हुए पाकिस्तान ने अब अपनी धरती पर शरण पाए आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई का मन बनाना शुरू कर दिया है। भारत ने भी पुलवामा हमले में जैश का हाथ होने के सुबूतों के साथ कार्रवाई के लिए अपेक्षा का पत्र पाकिस्तान को सौंपा है।

पाकिस्तानी विदेश विभाग ने सोमवार को जारी बयान में कहा है कि पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद अधिनियम, 1948 में बदलाव किया गया है। इसे सुरक्षा परिषद के आतंकी संगठनों और आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई संबंधी कानून के अनुकूल बनाया गया है।

उल्लेखनीय है कि जैश-ए-मुहम्मद सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित संगठन है। पाकिस्तानी सूत्रों के अनुसार जैश के खिलाफ किसी भी समय कार्रवाई शुरू हो सकती है।

आतंकी संगठनों पर कार्रवाई के नाम पर पाक की एक और गुगली
बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव से बचने के लिए पाकिस्तान की पैंतरेबाजी जारी है। इमरान सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा नामित व्यक्तियों और आतंकी संगठनों की संपत्तियां जब्त करने का फैसला किया है। इस बारे में सोमवार को आदेश भी जारी कर दिया गया है। हालांकि, पाकिस्तान पहले भी ऐसा कर चुका है, कोर्ट से प्रतिबंधित व्यक्तियों और संगठनों को राहत मिल जाती है।

विदेश विभाग के अनुसार संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (कुर्की और जब्ती) आदेश को 2019, पाकिस्तान के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) अधिनियम, 1948 के प्रावधानों के अनुसार जारी किया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल ने कहा कि इसका मतलब है कि सरकार ने देश में संचालित सभी प्रतिबंधित संगठनों पर नियंत्रण कर लिया है। अब से आगे सभी तरह की संपत्ति और सभी (प्रतिबंधित) संगठनों की संपत्ति सरकार के नियंत्रण में होगी। उन्होंने कहा कि सरकार अब ऐसे प्रतिबंधित संगठनों के चैरिटी विंग और एंबुलेंस को भी जब्त करेगी।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, इसका उद्देश्य नामित व्यक्तियों और संस्थाओं के खिलाफ सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को लागू करने के लिए प्रक्रिया को कारगर बनाना है। पाकिस्तान में, यूएनएससी के ऐसे निर्णय यूएनएससी अधिनियम, 1948 के माध्यम से लागू किए जाते हैं।

लेकिन सच्चाई यह है कि पाकिस्तान ने अपने आतंकवाद विरोधी कानून की धारा 1 और 2 में बदलाव किया है। इसमें साफतौर पर कहा गया है कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित जमात उद दावा (जेयूडी) और एफआइएफ संगठन धारा 2 के तहत आते हैं। इस तरह इस कानून के तहत इनकी संपत्तियां जब्त नहीं की जा सकती हैं। 2018 में पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट और लाहौर हाई कोर्ट ने जेयूडी की संपत्तियों को जब्त करने के सरकार के फैसले को खारिज कर दिया था।


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