Move to Jagran APP

जम्मू-कश्मीर में बढ़ी पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ, बड़ी वारदात को दे सकते हैं अंजाम

ईयू टुडे ने निक्केई एशिया के हवाले से प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया है कि अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ बढ़ गई है। ज्यादातर आतंकी जैश-ए-मुहम्मद व लश्कर ए तैयबा से जुड़े हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 02 Oct 2021 07:18 PM (IST)Updated: Sat, 02 Oct 2021 07:48 PM (IST)
जम्मू-कश्मीर में बढ़ी पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ, बड़ी वारदात को दे सकते हैं अंजाम
अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ बढ़ गई है।

इस्लामाबाद, एएनआइ। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्जे के बाद जम्मू-कश्मीर में पाकिस्तानी आतंकियों की घुसपैठ बढ़ गई है। वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद यह पहला मौका है, जब आतंकी घुसपैठ में तेजी आई है। ईयू टुडे ने निक्केई एशिया के हवाले से प्रकाशित एक रिपोर्ट में दावा किया है कि जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने वाले ज्यादातर आतंकवादी पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद व लश्कर ए तैयबा से जुड़े हैं।

loksabha election banner

रिपोर्ट के मुताबिक ये आतंकी अब तक अफगानिस्तान में तालिबान और उसके एक गुट हक्कानी नेटवर्क के लिए लड़ रहे थे। रिपोर्ट में कहा गया है कि जुलाई से करीब 50 आतंकी जम्मू-कश्मीर में घुसे और अभी सक्रिय हैं। ये आतंकी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत व अफगानिस्तान के सीमावर्ती जनजातीय इलाकों से ताल्लुक रखते हैं।

जम्मू-कश्मीर में वर्ष 2018 में सबसे ज्यादा आतंकी सक्रिय थे, लेकिन सरकार की तरफ से सीमा की सुरक्षा बढ़ाए जाने और राज्य के पुनर्गठन के बाद उनकी संख्या कम होती गई। विशेषज्ञों को आशंका है कि जैश व लश्कर के आतंकी केंद्रशासित प्रदेश में हिंसक वारदात कर सकते हैं। 

बीते दिनों आतंकवाद पर अमेरिकी कांग्रेस की एक रिपोर्ट आई थी जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान, लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद समेत कम से कम 12 संगठनों के लिए पनाहगाह बना हुआ है। स्वतंत्र कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इनमें से कुछ आतंकी संगठन 1980 के दशक से ही अस्तित्व में हैं। ये आतंकी संगठन अफगान केंद्रित, भारत और कश्मीर केंद्रित और पंथ केंद्रित (शियाओं के खिलाफ) हैं।

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा पर घुसपैठ रोधी अभियान में लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध 19 वर्षीय पाकिस्तानी आतंकी को जिंदा पकड़ा था। इस आतंकी ने अपनी पहचान पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के ओकारा जिले के 19 वर्षीय अली बाबर पारा के रूप में बताई थी। सुरक्षा बलों के इस आपरेशन में एक आतंकी मारा गया था जबकि तीन भारतीय सैनिक घायल हो गए थे। सेना ने एलओसी पर संदिग्ध गतिविधियां देखे जाने के बाद 18 सितंबर को अभियान शुरू किया था।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.