Move to Jagran APP

पाकिस्तान में TTP का आतंकी के जेल से फरार, इमरान सरकार की कैबिनेट बैठक में हो सकती है चर्चा

पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सुरक्षा एजेंसियों की हिरासत से आतंकी संगठन टीटीपी के पूर्व प्रवक्त एहसानुल्लाह एहसान के जेल से फरार होने पर चर्चा हो सकती है।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 20 Feb 2020 09:41 AM (IST)Updated: Thu, 20 Feb 2020 09:41 AM (IST)
पाकिस्तान में TTP का आतंकी के जेल से फरार, इमरान सरकार की कैबिनेट बैठक में हो सकती है चर्चा
पाकिस्तान में TTP का आतंकी के जेल से फरार, इमरान सरकार की कैबिनेट बैठक में हो सकती है चर्चा

इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान के केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में सुरक्षा एजेंसियों की हिरासत से प्रतिबंधित आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के पूर्व प्रवक्ता एहसानुल्लाह एहसान के जेल से फरार होने पर चर्चा हो सकती है। यह जानकारी एक मीडिया रिपोर्ट के हवाले से सामने आई है। डॉन न्यूज के साथ एक विशेष बातचीत के दौरान संघीय मानवाधिकार मंत्री शिरीन मजारी ने बुधवार को इसके संकेत दिए।  

loksabha election banner

एहसान के भागने की खबरों के बारे में एक सवाल के जवाब में मजारी ने डॉन समाचार को बताया कि यह मुद्दा उनके मंत्रालय के दायरे में नहीं आता है। इसे लेकर संघीय कैबिनेट की गुरुवार की बैठक में चर्चा की जाएगी।पाकिस्तान के इमरान खान मंत्रिमंडल टीटीपी के आतंकवादी एहसानुल्लाह एहसान के जेल से  भागने पर चर्चा कर सकती है। मजारी ने कहा कि हिरासत में लिए गए आतंकवादियों के आसपास कड़ी सुरक्षा होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि ट्रायल का सामना कर रहे आतंकवादियों को जल्द सजा मिलनी चाहिए।

गृह मंत्री एजाज शाह ने एहसान के भागने की रिपोर्ट की पुष्टि की

सोमवार को संसद भवन में पत्रकारों को संबोधित करते हुए, गृह मंत्री एजाज शाह ने पहली बार सुरक्षा एजेंसियों की हिरासत से एहसान के भागने की रिपोर्ट की पुष्टि की थी। मंत्री ने कहा कि उन्होंने पूर्व टीटीपी नेता के भागने के बारे में रिपोर्ट पढ़ी है। यह पूछे जाने पर कि क्या इस तरह की रिपोर्टों में कोई सच्चाई है, उन्होंने जवाब दिया कि खबर सच है। शाह ने कहा कि सरकार को एहसान के भागने की जानकारी थी, लेकिन उन्होंने इसके बारे में पूरी जानकारी नहीं दी।

एहसान ने तीन साल पहले पाकिस्तानी सेना को किया था आत्मसमर्पण 

एहसान ने तीन साल पहले पाकिस्तानी सेना के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी सुरक्षा प्रतिष्ठान द्वारा अन्य पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ प्रदान की गई विश्वसनीय जानकारी के बदले उसे छोड़ दिया गया था। दोनों पक्षों के बीच हुए समझौते के अनुसार, पाकिस्तान सेना और आइएसआइ ने उसके पैतृक गांव में एहसान के घर को फिर से बनाने का वादा किया था और उसे एक सुरक्षित स्थान और सुरक्षा देने का भी वादा किया था। इसके अलावा उसे सेल फोन और इंटरनेट का उपयोग करने की भी अनुमति दी गई थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.