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भारत की चेतावनी के बावजूद बाज नहीं आया पाकिस्‍तान, गिलगिट-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने की कर रहा तैयारी

भारत पाकिस्‍तान को कई बार इस बारे में चेतावनी दे चुका है कि गिलगिट बाल्टिस्‍तान भारत के जम्‍मू कश्‍मीर का ही अंग है और हमेशा रहेगा। इस पर उसका कोई हक नहीं है। इसके बाद भी वो कानूनी संशोधन कर इसको अस्‍थायी दर्जा देने की तैयारी कर रहा है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Sun, 01 Aug 2021 02:40 PM (IST)Updated: Sun, 01 Aug 2021 03:30 PM (IST)
भारत की चेतावनी के बावजूद बाज नहीं आया पाकिस्‍तान, गिलगिट-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने की कर रहा तैयारी
गिलगिट बाल्टिस्‍तान को लेकर कई बार पाकिस्‍तान को चेतावनी दे चुका है भारत

इस्लाामाबाद (पीटीआई)। गुलाम कश्‍मीर को लेकर कई बार दी गई भारत की सख्त चेतावनी के बावजूद पाकिस्‍तान बाज नहीं आ रहा है। वह यहां गिलगिट-बाल्टिस्तान को अस्थायी प्रांत का दर्जा देने पर आमादा है। इतना ही नहीं पाकिस्‍तान ने इसके लिए एक कानूनी मसौदे को अंतिम रूप दे दिया है। पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से ये जानकारी सामने आई है।

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आपको बता दें कि भारत पहले ही पाकिस्तान को साफ तौर पर बेहद सख्त लहजे में चेतावनी दे चुका है कि जम्मू-कश्मीर का पूरा क्षेत्र और लद्दाख भारत का कानूनी और अविभाज्य अंग है। भारत ने स्‍पष्‍ट रूप से गिलगिट-बाल्टिस्तान के क्षेत्र को लेकर भी यही बात कही है। कुछ दिन पहले भी भारत ने बेहद स्‍पष्‍ट शब्‍दों में पाकिस्‍तान और चीन को ये चेतावनी दी थी कि इस इलाके में बनने वाला आर्थिक कॉरिडोर अवैध है क्‍योंकि ये इलाका भारतीय क्षेत्र में आता है। भारत ने ये भी कहा था कि यहां पर हो रहे किसी भी तरह के अवैध निर्माण को बंद कर दिया जाना चाहिए। 

भारत ने ये भी कहा है कि पाकिस्तान और उसकी न्याय पालिका का अवैध रूप से और जबरन कब्जे वाले क्षेत्र पर कोई अधिकार नहीं है। डान अखबार के मुताबिक कानून और न्याय मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित इस कानून में सर्वोच्च अपीलीय न्यायालय को समाप्त किया जा सकता है। इस क्षेत्र के चुनाव आयोग का पाकिस्तान के चुनाव आयोग में विलय हो सकता है। गिलगिट-बाल्टिस्तान के इस कानून को 26 वां संविधान संशोधन विधेयक नाम दिया गया है। इसका मसौदा तैयार कर प्रधानमंत्री इमरान खान को भेज दिया गया है।

उल्लेखनीय है कि चीन के कर्ज में दबा पाकिस्तान गिलगिट-बाल्टिस्तान क्षेत्र में भी बलूचिस्तान की तरह चीन की परियोजनाओं के अनुकूल कानून में परिवर्तन करना चाहता है। इससे पूर्व पाकिस्तान का दमनकारी चेहरा यहां चुनाव कराने में भी सामने आ गया है, जब हाल में इमरान सरकार ने चुनाव के दौरान अराजकता और हिंसा कराई। इस हिंसा का सैकड़ों नागरिक शिकार हुए। इसको लेकर विपक्षी नेताओं के साथ ही जनता ने सेना के खिलाफ विद्रोह कर दिया। विरोधी नेताओं में से कुछ ने तो भारत से सहायता लेने की भी इमरान सरकार को धमकी दे दी। 

पीएमएल-एन की नेता मरियम नवाज ने गुलाम कश्‍मीर में कराए गए चुनाव और इसमें इमरान सरकार द्वारा कराई गई हिंसा की कुछ क्‍लीपिंग भी ट्वीट की थीं। मरियम का कहना था कि उन्‍होंने न तो गुलाम कश्‍मीर के और न ही पाकिस्‍तान के चुनाव परिणामों को कभी माना है और न ही मानेंगी, क्‍योंकि इनमें बड़े पैमाने पर इमरान खान की पार्टी ने धांधली करवाई थी। 


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