खत्म नहीं हुआ पाकिस्तानी सेना और पुलिस के बीच तनाव, लगाए सनसनीखेज आरोप
सेना ने कहा कि आइएसआइ और पाक रेंजर के अधिकारियों को इस तरह की कार्रवाई करने से बचना चाहिए था जिसके चलते स्थिति बिगड़ गई थी। मेहर को अगवा किए जाने के बाद सिंध प्रांत के लगभग सभी पुलिस अधिकारी सामूहिक रूप से छुट्टी पर चले गए थे।
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान की सेना ने सिंध प्रांत के पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) मुश्ताक मेहर के 'अपहरण' और पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद व पीएमएल-एन के नेता सेवानिवृत्त कैप्टन मुहम्मद सफदर अवान की गिरफ्तारी के लिए खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विस इंटेलीजेंस (आइएसआइ) और रेंजर को जिम्मेदार ठहराया है। सेना ने कहा कि दोषी अधिकारियों को उनके पदों से हटा दिया गया है।
पाकिस्तानी सेना की मीडिया मामलों की इकाई इंटर-सर्विस पब्लिक रिलेशंस (आइएसपीआर) ने एक बयान में कहा है कि सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा के आदेश पर सिंध के पुलिस महानिरीक्षक के अपहरण और अवान की गिरफ्तारी के मामले की जांच के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी गठित की गई थी।
पाकिस्तान की सेना ने कहा, सिंध के आइजी के 'अपहरण' के पीछे आइएसआइ और रेंजर
कोर्ट ऑफ इंक्वायरी की सिफारिशों पर संबंधित अधिकारियों को उनके मौजूदा पदों से हटाने का फैसला किया गया है। इनके खिलाफ आगे की विभागीय जांच भी कराई जाएगी। बयान में कहा गया है कि 18 और 19 अक्टूबर की दरम्यानी रात मजार-ए-कायद को अपवित्र किए जाने के मामले में कार्रवाई के लिए लोगों का दबाव बना हुआ था। पाकिस्तानी रेंजर और आइएसआइ के अधिकारियों ने मेहर और अवान के खिलाफ कार्रवाई की थी।
सेना ने कहा कि आइएसआइ और पाक रेंजर के अधिकारियों को इस तरह की कार्रवाई करने से बचना चाहिए था, जिसके चलते स्थिति बिगड़ गई थी। मेहर को अगवा किए जाने के बाद सिंध प्रांत के लगभग सभी पुलिस अधिकारी सामूहिक रूप से छुट्टी पर चले गए थे। इस घटना के बाद सेना और पुलिस के बीच संघर्ष की स्थिति पैदा हो गई थी।
नवाज के दामाद सफदर को पुलिस ने दी क्लीन चिट
इमरान सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दामाद सफदर अवान की गिरफ्तारी के मामले में पूरी तरह से यू टर्न ले लिया है। पुलिस ने कराची की एक अदालत में आरोप पत्र दायर कर बताया कि सफदर पर जो भी आरोप लगाए गए हैं वे झूठे पाए गए। उनके खिलाफ कोई साक्ष्य भी नहीं मिले हैं। नवाज शरीफ की बेटी मरयम नवाज के पति सफदर अवान की उस समय गिरफ्तारी हुई थी, जब वे एक होटल में ठहरे थे। उन पर जिन्ना की मजार पर पहुंचकर राजनीतिक नारे लगाने का आरोप था।