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भारत से तनाव के बीच पाकिस्‍तान का चीन से एक और समझौता, गुलाम कश्मीर के लोगों ने जताया विरोध

झेलम नदी पर कोहला में 1124 मेगावॉट जलविद्युत परियोजना के निर्माण के लिए एक त्रिपक्षीय समझौते पर पाकिस्‍तान और चीन ने समझौता किया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 26 Jun 2020 04:49 PM (IST)Updated: Fri, 26 Jun 2020 06:14 PM (IST)
भारत से तनाव के बीच पाकिस्‍तान का चीन से एक और समझौता, गुलाम कश्मीर के लोगों ने जताया विरोध
भारत से तनाव के बीच पाकिस्‍तान का चीन से एक और समझौता, गुलाम कश्मीर के लोगों ने जताया विरोध

इस्लामाबाद, एजेंसियां। पाकिस्तान ने चीन के साथ गुलाम कश्मीर में पन बिजली परियोजना के लिए समझौता किया है। 2.4 अरब डॉलर (लगभग 17 हजार करोड़ रुपये) की यह परियोजना चीनी कंपनी लगाएगी। गुलाम कश्मीर के लोगों ने इस समझौते का विरोध किया है। उनका कहना है कि यह समझौता उन्हें झेलम नदी के पाने से वंचित करने का प्रयास है। प्रधानमंत्री कार्यालय में पाकिस्तान, चीन और चीनी कंपनी के बीच इस त्रिपक्षीय समझौते पर हस्ताक्षर किया गया। इस मौके पर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान, पाकिस्तान में चीन के राजदूत, चीनी कंपनी के प्रतिनिधि, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) के प्रमुख और अन्य अधिकारी मौजूद थे।

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2.4 अरब डॉलर की लागत से गुलाम कश्मीर में बिजली परियोजना लगाएगी चीनी कंपनी

यह परियोजना सीपीईसी के तहत ही लगाई जा रही है। इससे 1,124 मेगवाट बिजली का उत्पादन होगा। समाचार पत्र डॉन के मुताबिक इमरान खान ने इसे सबसे बड़ा विदेशी निवेश करार दिया है और कहा कि इससे हजारों युवाओं को रोजगार मिलेगा। कोहला हाइड्रोपॉवर कंपनी लिमिटेड (केएचसीएल) यह परियोजना लगाएगी, जो चीनी कंपनी चाइना थ्री गोर्जेज कॉरपोरेशन (सीटीजीसी) की सहयोगी कंपनी है।

कश्मीरियों ने कहा, झेलम नदी के पानी से उन्हें वंचित करने की हो रही है कोशिश

गुलाम कश्मीर के लोगों ने इस समझौते का विरोध किया है। उनका कहना है कि इस परियोजना के जरिए झेलम नदी के पानी को मोड़कर कोहला प्रोजेक्ट के लिए ले जाया जाएगा, जो पाकिस्तान की सीमा पर स्थित है। इससे उन्हें खेती और अन्य जरूरतों के लिए पानी नहीं मिल पाएगा। उन्होंने इसे न सिर्फ नदी के पानी को मोड़ने का बल्कि क्षेत्र के जलवायु को बदलने की कोशिश भी बताया है।

नाराज लोगों का कहना है कि वो पहले से ही नीलम झेलम पॉवर प्लांट के चलते पानी की कमी से जूझ रहे हैं। नीलम नदी के किनारे बसे लोगों को सिंचाई के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है। अब झेलम के पानी को भी मोड़कर पाकिस्तान ले जाने से हजारों परिवारों को भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ेगा। अपना नाम गुप्त रखने की शर्त पर सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस परियोजना से पाकिस्तान को लाभ होगा, कश्मीरियों को नहीं। गुलाम कश्मीर में हर तरफ बिजली की समस्या है।

इमरान बोले, स्‍थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार

पीएम इमरान खान ने कहा कि सरकार ने आयातित ईंधन पर निर्भरता को कम करने के लिए पनबिजली के माध्यम से हरित और स्वच्छ बिजली उत्पादन पर ध्यान केंद्रित करने का संकल्प लिया है। खान ने कहा कि सरकार ने निवेश का स्वागत किया क्योंकि यह देश को स्वच्छ ऊर्जा के स्रोतों की ओर बढ़ने के लिए एक मिसाल कायम कर सकता है। इमरान खान के इस दावे पर इससे स्थानीय युवाओं को लाभ मिलेगा, कार्यकर्ता ने कहा कि नीलम झेलम पॉवर प्रोजेक्ट में इंजीनियरों को दिहाड़ी पर काम पर रखा गया है। इससे उन्हें करियर में कोई लाभ नहीं मिलता। दिहाड़ी पर कुछ समय के लिए ही काम मिलता है।

इमरान बोले, पाकिस्‍तान को दशकों पहले जलविद्युत क्षेत्र में निवेश करना चाहिए था

प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि पाकिस्तान को दशकों पहले जलविद्युत क्षेत्र में निवेश करना चाहिए था। देश तभी बेहतर प्रगति कर सकता है, जब वह जल विद्युत उत्पादन कर रहा हो, लेकिन फिर पाकिस्‍तान ने आयातित ईंधन पर बैंकिंग शुरू कर दी। इससे न केवल स्थानीय उद्योग गैर प्रतिस्पर्धी हो गए, बल्कि विदेशी भंडार पर भी अतिरिक्त बोझ पड़ा।


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