Balakot Air Strike जैसी आशंका से फिर डरा पाकिस्तान, इसलिए लिया ये फैसला
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 क्या खत्म हुआ पाकिस्तान ऐसे तिलमिलाया हुआ है जैसे भारत ने PoK कब्जा लिया। पाकिस्तान को अब कुछ ऐसा ही डर सता रहा है और उसकी वजह है...
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। केंद्र की मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 समाप्त कर एक झटके में पाकिस्तान की दशकों पुरानी ख्वाहिश का गला घोंट दिया है। इससे बौखलाए पाकिस्तान को समझ नहीं आ रहा कि वह आगे क्या करे। कभी वह भारत से व्यापारिक और राजनयिक समझौते खत्म करने की घोषणा कर रहा है तो कभी अपनी संसद में भारत के खिलाफ जहर उगल रहा है। पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय मंच पर मदद की उम्मीद की, वहां भी उसे मुंह की खानी पड़ी। लिहाजा पाकिस्तान ने एक बार फिर अपना एयर स्पेस आंशिक तौर पर बंद कर दिया है। आइये जानते हैं- पाकिस्तान के इस फैसले के पीछे वजह क्या है?
इससे पहले पाकिस्तान ने 27 फरवरी 2019 को बालाकोट में जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी शिविर पर भारतीय वायुसेना (IAF) द्वारा की गई एयर स्ट्राइक (Balakot Airstrike) के बाद अपना एयर स्पेस पूरी तरह से बंद कर दिया था। भारतीय वायुसेना ने ये एयर स्ट्राइक 14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) का बदला लेने के लिए की थी। इस आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के तुरंत बाद पाकिस्तान से संचालित होने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने एक वीडियो जारी कर इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस आतंकी हमले के जवाब में भारत ने बालाकोट में जैश के ठिकाने पर बम गिराकर 170-200 आतंकियों को मार गिराया। इसके कई कमांडर भी शामिल थे।
बालाकोट एयर स्ट्राइक की पूरी योजना बेहद गोपनीय तरीके से बनाई गई थी। इसकी जानकारी कुछ चुनिंदा लोगों को ही थी। खराब मौसम में आधी रात के बाद भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने बहुत कम ऊंचाई पर उड़ान भरकर पाकिस्तान के अंदर घुसकर इस एयर स्ट्राइक को अंजाम दिया था। पूरे ऑपरेशन को चंद मिनट में सफलतापूर्वक पूरा कर लिया गया था। इसके 140 दिन बाद, 16 जुलाई 2019 पाकिस्तान ने अपना एयर स्ट्राइक कमर्शियल उड़ानों के लिए खोला था। एयर स्पेस बंद होने से भारत को तकरीबन 548 करोड़ रुपये और पाकिस्तान को लगभग 688 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
21 दिन में दूसरी बार Air Space बंद
अब जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद पाकिस्तान एक बार फिर ऐसी किसी एयर स्टाइक से डरा हुआ है। लिहाजा उसने महज 21 दिनों में एक बार फिर से अपना वायुक्षेत्र (Air Space) आंशिक तौर पर प्रतिबंधित कर दिया है। पाकिस्तान ने अपने 11 हवाई रूट में से एक को सभी तरह की उड़ानों के लिए प्रतिबंधित कर दिया है। पाकिस्तान के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण द्वारा जारी नोटिस टू एयरमैन के मुताबिक, एयरस्पेस छह अगस्त से पांच सितंबर तक के लिए बंद किया गया है। पाकिस्तानी एयरलाइन्स के हवाई रूट में भी परिवर्तन किया गया है। इसके अलावा पाकिस्तान ने लाहौर क्षेत्र में सभी विदेशी विमानों के लिए न्यूनतम ऊंचाई 46 हजार फीट निर्धारित कर दी है। वहीं, अफगानिस्तान से उड़ान भरने वाले विमानों को वैकल्पिक मार्ग इस्तेमाल करने को कहा गया है।
डर की वजह से बंद किया Air Space
भारतीय वायु सेना के पूर्व एयर मार्शल विनोद पाटनेय के अनुसार, पाकिस्तान ने फिर से एक हवाई रूट को बंद करने और ऊंचाई बढ़ाने का निर्णय इसलिए लिया है, ताकि सभी विमान सही से रडार का निगरानी में रहें। कम ऊचाई पर उड़ते हुए विमान रडार को चकमा दे सकते हैं। जैसा कि बालाकोट एयर स्ट्राइक में भारतीय वायु सेना के लड़ाकू विमानों ने किया था। उस दौरान भी IAF के लड़ाकू विमानों ने कम ऊंचाई पर उड़ते हुए पाकिस्तानी रडार को चकमा दिया था। पाकिस्तान का ये निर्णय हास्यास्पद है।
PoK में कार्रवाई का डर
अन्य सुरक्षा विशेषज्ञ भी मानते हैं कि पाकिस्तान ने वायु क्षेत्र की ऊंचाई बढ़ाने का फैसला डर की वजह से लिया है। दरअसल, पाकिस्तान को डर है कि जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म करने के बाद मोदी सरकार को देश के अंदर और अंतरराष्ट्रीय मंच पर जिस तरह का समर्थन मिल रहा है, उससे उत्साहित होकर वो कहीं फिर से बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसा कोई बड़ा कदम न उठा ले। पाकिस्तान का ये डर इसलिए भी है, क्योंकि जम्मू-कश्मीर को अखंड भारत का हिस्सा बनाने के बाद भारत में बड़े पैमाने पर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को भी कब्जा मुक्त कराने की मांग उठने लगी है। कुछ भारतीय राजनेताओं के इस तरह के बयान ने पाकिस्तान की धड़कनें और बढ़ा दी हैं। यही वजह है कि भारत को आंख दिखाने वाला पाकिस्तान खुद डर की वजह से अपनी सेनाओं को मुस्तैद कर रहा है और अंतरराष्ट्रीय मंच पर मदद की गुहार लगाता फिर रहा है।
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