भारत पर मुंहतोड़ जवाब से बौखलाए पाकिस्तान ने फिर अमेरिका से लगाई गुहार
सीमा पर भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। कश्मीर राग अलापते हुए पाकिस्तान ने अमेरिका से हस्तक्षेप की गुहार भी लगाई है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। सीमा पर भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान बौखलाया हुआ है। पाक सेना ने आरोप लगाया है कि भारत गुलाम कश्मीर के नागरिकों को निशाना बनाने के लिए क्लस्टर बम का इस्तेमाल कर रहा है। इसी के साथ फिर कश्मीर राग अलापते हुए पाकिस्तान ने अमेरिका से हस्तक्षेप की गुहार भी लगाई है। घबराए पाकिस्तान ने राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी (एनएससी) की बैठक बुलाकर सीमा के हालात पर चर्चा भी की।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने ट्वीट किया, 'अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर पर मध्यस्थता का प्रस्ताव दिया था। भारतीय सुरक्षाबलों की आक्रामक गतिविधियों के कारण नियंत्रण रेखा और कश्मीर में स्थिति बिगड़ी हुई है। इस मसले में मध्यस्थता के लिए यही सही समय है।' इमरान ने भारत की गतिविधियों को क्षेत्रीय संकट बढ़ाने वाला भी कहा है।
उन्होंने दुनियाभर के नेताओं व अंतरराष्ट्रीय संगठनों से इस ओर ध्यान देने की अपील भी की। एक अन्य ट्वीट में पुराना राग अलापते हुए इमरान ने कहा कि कश्मीर के लोगों को अपने अधिकारों के प्रयोग की अनुमति मिलनी चाहिए। दक्षिण एशिया में सुरक्षा और शांति का रास्ता कश्मीर के शांतिपूर्ण व न्यायपूर्ण हल से ही होकर गुजरता है।
सीमा पर भारत के मुंहतोड़ जवाब से परेशान इमरान खान ने रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा कमेटी (एनएससी) की बैठक भी बुलाई। बैठक में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री परवेज खटक, विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, गृह मंत्री ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) इजाज शाह, तीनों सेना के प्रमुख, आइएसआइ प्रमुख और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। बैठक के बाद इमरान के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया कि भारत के किसी भी कदम से अपनी रक्षा के लिए पाकिस्तान तैयार है। बैठक में भारत की कार्रवाइयों की आलोचना करते हुए, इसे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए घातक बताया गया। इमरान खान ने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय कानूनों का उल्लंघन कर रहा है। भारत की आक्रामकता से क्षेत्र में अशांति बढ़ेगी।
ओआइसी ने फिर छेड़ा कश्मीर राग
भारत की आपत्ति के बावजूद इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआइसी) ने फिर कश्मीर राग छेड़ा है। कश्मीर में चल रही हालिया गतिविधियों को संज्ञान में लेने की पाकिस्तान की अपील के बाद ओआइसी ने रविवार को इस मसले पर कई ट्वीट किए। उसने दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताई। ओआइसी पहले भी इस मामले में बोल चुका है। मार्च में सदस्य देशों के मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन के बाद प्रस्ताव लाते हुए ओआइसी ने भारत-पाकिस्तान के बीच सभी मुद्दों को बातचीत से हल करने की वकालत की थी। हालांकि भारत ने ओआइसी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था। भारत स्पष्ट शब्दों में कह चुका है कि यह भारत-पाक का मसला है। इसमें किसी तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप स्वीकार नहीं होगा।
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