पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री का दावा, आतंकी संगठनों को मिलने वाले धन पर रोक लगाई
Pulwama Terror attack के बाद से पाक पर आतंकी संगठनों खासकर जैश के खिलाफ कार्रवाई के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव है। हालांकि उसका दावा है कि यह कदम उसने दबाव में नहीं उठाया है।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान ने दावा किया है कि आतंकी संगठनों को मिलने वाले धन और मनी लांड्रिंग (देश से बाहर धन की अवैध आवाजाही) पर रोक लगाने के लिए उसने प्रभावी कदम उठाए हैं। इसके नतीजे भी सामने आने शुरू हो गए हैं। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को इन कदमों की जानकारी दी जाएगी। इसलिए अब पाकिस्तान के संस्था की ब्लैक लिस्ट में जाने का कोई खतरा नहीं है। उल्लेखनीय है कि आतंकी और आपराधिक संगठनों की धन उगाही के खिलाफ कुछ न करने वाले देशों पर एफएटीएफ कार्रवाई करता है। टास्क फोर्स ने कई बार की चेतावनी के बाद जून 2018 में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था और ब्लैक लिस्ट में डालने की चेतावनी दी थी।
पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद आतंकी संगठनों, खासतौर पर जैश-ए-मुहम्मद के खिलाफ कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर अंतरराष्ट्रीय दबाव काफी बढ़ा हुआ है। एफएटीएफ की समीक्षा बैठक में अवैध फंडिंग के खिलाफ पाकिस्तान के उठाए गए कदमों को देखा जाना है। लेकिन पाकिस्तान के गृह राज्य मंत्री शहरयार खान अफरीदी ने आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के पीछे कोई बाहरी दबाव होने से इन्कार किया। कहा, सरकार पाकिस्तान को पूरी तरह से बदलने के लिए संकल्पित है, इसलिए कोई उसके प्रयासों पर अंगुली नहीं उठा सकता। अफरीदी ने बताया कि सरकार ने धार्मिक संगठनों द्वारा चलाए जाने वाली एंबुलेंसों, डिस्पेंसरियों, अस्पतालों और अन्य संसाधनों को अपने कब्जे में ले लिया है। जिन सुविधाओं को चलाए जाने की जरूरत है, उनके लिए सरकार धन मुहैया करा रही है।
अगले सप्ताह एफएटीएफ को दी जाने वाली रिपोर्ट का जिक्र करते हुए अफरीदी ने दावा किया कि उसमें इमरान सरकार के कदमों की जानकारी मिलेगी। उन्होंने पाकिस्तान के एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में डाले जाने की खतरे से इन्कार किया। एफएटीएफ की ब्लैक लिस्ट में डाले जाने पर संबंधित देश को अंतरराष्ट्रीय आर्थिक सहायता और निवेश हासिल करने में कठिनाई का सामना करना पड़ता है।
सुरक्षा परिषद के प्रतिबंधों को लागू करेगा पाक
पाकिस्तान में सरकार ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद द्वारा प्रतिबंधित संगठनों और आतंकियों के बारे में सूचनाएं सार्वजनिक करते हुए उनके बारे में दिशानिर्देश जारी किए हैं। विदेश विभाग ने कहा है कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी के तहत प्रतिबंधित संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का फैसला किया है। आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई के लिए बने अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद पाकिस्तान के रुख में यह बदलाव आया है। उल्लेखनीय है पाकिस्तान में अड्डा बनाकर कार्रवाई करने वाले तालिबान, जैश-ए-मुहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, जमात-उद-दावा आदि पर सुरक्षा परिषद का प्रतिबंध है जबकि लश्कर सरगना हाफिज सईद भी प्रतिबंधित आतंकियों की सूची में शामिल है।