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Masood Azhar: पाकिस्तान ने दिए मसूद अजहर की संपत्तियां फ्रीज करने के आदेश

Masood Azhar पाकिस्‍तान अपने ही बुन जाल में फंस गया। उसने जिस तरह से मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाया है अब उसे यह साबित करना होगा कि उसकी कथनी और करनी में फर्क नहीं है।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Fri, 03 May 2019 10:23 AM (IST)Updated: Fri, 03 May 2019 07:56 PM (IST)
Masood Azhar: पाकिस्तान ने दिए मसूद अजहर की संपत्तियां फ्रीज करने के आदेश
Masood Azhar: पाकिस्तान ने दिए मसूद अजहर की संपत्तियां फ्रीज करने के आदेश

इस्लामाबाद, प्रेट्र। Masood Azhar जैश-ए-मुहम्मद के सरगना मसूद अजहर अल्वी को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किए जाने के बाद पाकिस्तान ने उसकी संपत्तियां फ्रीज करने और यात्रा प्रतिबंध लागू करने के आदेश जारी कर दिए हैं। साथ ही उस पर हथियार और गोला-बारूद खरीदने बेचने पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है।

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इस्लामिक स्टेट और अलकायदा पर संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति ने बुधवार को मसूद अजहर को अंतरराष्ट्रीय आतंकी घोषित किया था। द सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन ऑफ पाकिस्तान (एसईसीपी) ने सभी गैरबैंकिंग वित्तीय संस्थानों और नियामक प्राधिकरणों को आदेश जारी कर मसूद अजहर के सभी निवेश खातों को ब्लॉक करने के लिए कहा है। एसईसीपी ने सभी कंपनियों को भी आदेश दिया है कि वे अपने सभी डाटा स्कैन करें और मसूद अजहर के खातों के खिलाफ की जा रही जरूरी कार्रवाई के बारे में तीन दिन के भीतर एसईसीपी को सूचित करें।

आंतरिक मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मसूद अजहर का नाम पहले से ही आतंकवादी निरोधी अधिनियम (एटीए) के चौथे शेड्यूल में शामिल है और वह पुलिस की अनुमति के बिना कही भी यात्रा नहीं कर सकता। एटीए में शामिल होने की वजह से ही उसके हथियार रखने पर भी प्रतिबंध है। इसके अलावा उसका नाम राष्ट्रीय आतंकवादी निरोधी प्राधिकरण (एनएसीटीए) की प्रतिबंधित व्यक्तियों की सूची में भी पहले से शामिल है।पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता मुहम्मद फैसल के मुताबिक, पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ पूरी तरह सहयोग करेगा।

विदेश मंत्रालय ने बुधवार को ही एक अधिसूचना जारी कर कहा था, 'संघीय सरकार को यह आदेश जारी कर प्रसन्नता हो रही है कि मसूद अजहर के खिलाफ प्रस्ताव-2368(2017) को पूरी तरह लागू किया जाएगा।' सरकार ने सभी सरकारी अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जैश-ए-मुहम्मद सरगना के खिलाफ प्रतिबंध लागू करने के लिए वे उचित कार्रवाई करें।

पाकिस्‍तान सरकार के कदम पर उठे सवाल
पाकिस्‍तान हुकूमत ने अजहर पर यह प्रतिबंध यूं ही नहीं लगाया है। यह उसकी मजबूरी में उठाया गया कदम है। अगर सच में पाकिस्‍तान आतंकी संगठनों पर प्रतिबंध लगाया होता तो शायद पुलवामा आतंकी हमला नहीं होता। हमले के बाद भी पड़ोसी मुल्‍क की आंख नहीं खुली। इस हमले की निंदा पूरी दुनिया में हुई। इसके बाद भी पाकिस्‍तान सरकार नहीं चेती वह अजहर को आतंकी मानने को तैयार नहीं थी।

अमेरिका समेत तमाम यूरोपीय देशों ने अजहर के खिलाफ वैश्विक आतंकी घोषित करने की वकालत की, लेकिन पाकिस्‍तान और उसके मित्र चीन उसे आतंकी मानने को हरगिज तैयार नहीं था। इस मामले में उसकाे चीन का खुला समर्थन हासिल था, लेकिन संयुक्‍त राष्‍ट्र के आगे पाकिस्‍तान और चीन को घुटने टेकने पड़े। अंतरराष्‍ट्रीय दबाव के आगे चीन की भी नहीं चली। उसने भी अपने दस वर्षों के रवैये में बदलाव करते हुए अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने में अपने अवरोध को हटा लिया। कोई विकल्‍प सामने नहीं रहने पर पाकिस्‍तान सरकार ने हार कर अजहर पर प्रतिबंध लगाया। ऐसे में पाकिस्‍तान की मंशा पर सवाला उठना लाजमी है कि कहीं दबाव में आकर वह ढोंग तो नहीं रच रहा है। 

भारत की कूटनीतिक दांव के आगे चित हुआ पाक
भारत के लिए यह एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। पुलवामा आतंक हमले के बाद भारत ने दोतरफा कार्रवाई की। एक तरफ जहां भारतीय सेना ने पाकिस्‍तान में घुसकर आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। वहीं, अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर पाकिस्‍तान के खिलाफ जबरदस्‍त दबाव बनाया। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 अलकायदा प्रतिबंध समिति में अजहर को वैश्विक आतंकवादी के रूप में नामित करने के प्रस्‍ताव को फरवरी में पेश किया था। 
 

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