भारत-पाक तनाव से तापी परियोजना पर नहीं होगा असर, जानें- क्यो महत्वपूर्ण है ये प्रोटेक्ट
भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर कितना भी तनाव बढ़ जाए लेकिन तापी पाइपलाइन परियोजना पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा।
इस्लामाबाद, आइएएनएस। पाकिस्तान सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि कश्मीर को लेकर भारत-पाक के बीच बढ़े तनाव का असर तापी (तुर्कमेनिस्तान, अफगानिस्तान, पाकिस्तान, भारत) और अन्य गैस पाइपलाइन परियोजनाओं पर नहीं पड़ेगा। पाकिस्तान ने इस संबंध में तुर्कमेनिस्तान को आश्वासन दिया है। दस अरब डॉलर की तापी परियोजना से भारत और पाकिस्तान को प्रतिदिन 1.3 अरब घन फीट गैस मिलेगी।
पाकिस्तानी अखबार एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने पाकिस्तान के एक अफसर के हवाले से बताया कि पाकिस्तान ने तुर्कमेनिस्तान को तापी और अन्य बड़ी परियोजनाओं पर कोई असर नहीं पड़ने का भरोसा दिलाया है। भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर को लेकर कितना भी तनाव बढ़ जाए लेकिन तापी पाइपलाइन परियोजना पर कोई बुरा असर नहीं पड़ेगा। इस बीच, तापी गैस पाइपलाइन बनाने वाली कंपनी ने भूमिगत गैस भंडारण की भी योजना बनाई है। ताकि लोड मैनेजमेंट के जरिए ऊर्जा की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
इंटरस्टेट गैस सिस्टम्स (आइएसजीएस) कंपनी तापी समेत नार्थ-साउथ पाइपलाइन और ऑफशोर गैस पाइपलाइन जैसी कुछ बड़ी परियोजनाओं पर काम कर रही है। तापी परियोजना के जरिए मध्य और दक्षिण एशिया को जोड़ा जा सकेगा। यह पाइपलाइन अफगानिस्तान और पाकिस्तान से होकर भारत तक पहुंचेगी। आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने वाली यह पाइपलाइन क्षेत्र में शांति और स्थिरता को सुनिश्चित करेगी। इस परियोजना के जरिए दोनों क्षेत्रों को सड़क, रेल और फाइबर केबिल के जरिए जोड़ा जाएगा।
अधिकारी ने बताया कि इस गैस पाइपलाइन के लिए तुर्कमेनिस्तान में निर्माण कार्य पहले ही शुरू हो चुका है। तुर्कमेन-अफगान सीमा से लेकर हेरत क्षेत्र तक जल्द ही काम शुरू होने की उम्मीद है। पाकिस्तान में इससे संबंधित निर्माण कार्य वर्ष 2020 की पहली तिमाही में शुरू होगा। अधिकारी ने एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि तापी कंपनी का प्रतिनिधिमंडल अगले महीने परियोजना के कार्यो पर प्रगति देखने के लिए आएगा और निर्माण की योजना को अंतिम रूप देगा।
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