Move to Jagran APP

पाकिस्तान चुनाव : आर्मी हेडक्वॉर्टर के बाहर नवाज के समर्थकों ने लगाएं ISI मुर्दाबाद के नारे

सेना के मुख्यालय के बाहर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के समर्थकों ने आइएसआइ मुर्दाबाद और 'यह जो दहशतगर्दी है उसके पीछे वर्दी है' जैसे नारे लगाए।

By Arti YadavEdited By: Published: Sun, 22 Jul 2018 02:38 PM (IST)Updated: Sun, 22 Jul 2018 02:38 PM (IST)
पाकिस्तान चुनाव : आर्मी हेडक्वॉर्टर के बाहर नवाज के समर्थकों ने लगाएं ISI मुर्दाबाद के नारे
पाकिस्तान चुनाव : आर्मी हेडक्वॉर्टर के बाहर नवाज के समर्थकों ने लगाएं ISI मुर्दाबाद के नारे

रावलपिंडी (एएनआइ)। रावलपिंडी में आर्मी हेडक्वॉर्टर के बाहर पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज पार्टी के समर्थकों ने देश की खुफिया एजेंसी आइएसआइ के खिलाफ मुर्दाबाद के नारे लगाए। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पाकिस्तान में 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव में आइएसआइ खेल कर रही है और पहले से ही चुनाव फिक्स है। बता दें कि पहली बार ISI के खिलाफ इस तरह से खुले तौर पर नारेबाजी की गई।

loksabha election banner

नवाज शरीफ के समर्थकों का कहना है कि पूर्व पीएम को इसलिए जेल भेजा गया है, ताकि उन्हें कमजोर किया जा सके। माना जा रहा है कि पाकिस्तानी फौज इस बार इमरान खान को पाकिस्तान का पीएम बनाना चाहती है। समर्थकों का कहना है कि अगर नवाज रहते तो, इमरान कभी पीएम नहीं बन सकते थे, इसलिए उन्हें हराने के लिए उनके खिलाफ चल रहे तमाम मुकदमों के फैसले आ गए, जिनमें उन्हें सजा सुना दी गई।

सेना के मुख्यालय के बाहर पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के समर्थकों ने आइएसआइ मुर्दाबाद और 'यह जो दहशतगर्दी है उसके पीछे वर्दी है' जैसे नारे लगाए। बलोच नेशनल मूवमेंट के प्रेसिडेंट जफर बलोच ने ट्वीट किया, 'पाकिस्तान की सड़कों पर खुलेआम लोगों ने आइएसआइ के खिलाफ नारेबाजी की। सेना और उसकी खुफिया एजेंसी आइएसआइ के खिलाफ यह असंतोष पाकिस्तान के इतिहास में पहली बार देखने को मिला है।'

बता दें कि इससे पहले इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जस्टिस शौकल सिद्दीकी भी न्यायपालिका और मीडिया पर नियंत्रण की कोशिशों को लेकर आइएसआइ को आड़े हाथों ले चुके हैं। इस्लामाबाद हाई कोर्ट के जज ने शनिवार को आरोप लगाया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ मुख्य न्यायाधीश और अन्य जजों पर मनमुताबिक फैसला देने के लिए दबाव डालती है। जज का यह आरोप भी है कि पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ सहित कई अन्य मामलों पर भी जजों पर दबाव बनाया गया।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.