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बाज नहीं आया पाकिस्तान, मोदी के पत्र को लेकर फैलाया भ्रम

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने भारतीय प्रधानमंत्री द्वारा भेजे गए शुभकामना संदेश को पर नई कहानी गढ़ी और कहा कि उन्‍होंने पत्र में भारत-पाक वार्ता शुरू करने का संकेत दिया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 20 Aug 2018 01:09 PM (IST)Updated: Mon, 20 Aug 2018 02:57 PM (IST)
बाज नहीं आया पाकिस्तान, मोदी के पत्र को लेकर फैलाया भ्रम
बाज नहीं आया पाकिस्तान, मोदी के पत्र को लेकर फैलाया भ्रम

इस्‍लामाबाद (एएनआइ)। पाकिस्तान के विदेश मंत्री एस एम कुरैशी ने सोमवार को दावा किया कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान को पत्र लिखकर भारत-पाकिस्तान के बीच वार्ता शुरू करने के संकेत दिए हैं। जबकि प्रधानमंत्री मोदी की ओर से इमरान खान को केवल बधाई संदेश दिया गया था। उसमें बातचीत के संबंध में कोई प्रस्‍ताव नहीं था। उस पत्र में रचनात्‍मक और सकारात्‍मक दृष्टिकोण अपनाने की बात कही गई थी।

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सूत्रों के अनुसार, पत्र में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि पाकिस्‍तान के साथ शांतिपूर्ण संबंध के लिए भारत प्रतिबद्ध है। साथ ही प्रधानमंत्री ने आतंक मुक्‍त दक्षिण एशिया के लिए काम करने की आवश्‍यकता पर भी बल दिया।

उल्लेखनीय है कि बीते शनिवार को इमरान खान ने पाकिस्‍तान के 22वें प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ लिया था। खान के 20 मंत्रियों वाली कैबिनेट में पाकिस्तान तहरीक-ए इंसाफ (पीटीआई) के उपाध्यक्ष शाह महमूद कुरैशी को विदेश मंत्री बनाया गया है। कुरैशी मुंबई में 26 नवंबर 2008 को हुए हमलों के वक्त भी पाकिस्तान के विदेश मंत्री थे।

जियो टीवी के अनुसार, कुरैशी ने कहा, 'भारत के साथ लगातार एवं बाधारहित बातचीत करने की जरूरत है। हम पड़ोसी हैं। हमारे बीच लंबे समय से मुद्दे लंबित हैं। दोनों देश इन समस्याओं के बारे में जानते हैं लेकिन बातचीत शुरू करने के अलावा हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है। हम जोखिम नहीं उठा सकते।'

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि अपनी वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए भारत और पाकिस्तान को आगे बढ़ना होगा। कुरैशी ने कहा, ‘भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने पाकिस्तानी समकक्ष इमरान खान को पत्र लिखा है जिसमें दोनों देशों के बीच बातचीत शुरू करने का संकेत दिया है।’

विदेश मंत्री ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच मसले जटिल हैं और उनका समाधान निकालने में हमें बाधाओं का सामना करना पड़ सकता है लेकिन हमें बातचीत अवश्य शुरू करनी चाहिए।' जियो न्‍यूज के अनुसार, विदेश मंत्री ने आगे कहा कि ये गंभीर और जटिल मुद्दे हैं जिसका समाधान करने में हमें बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है लेकिन हमें इसे देखना ही होगा।


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