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पाकिस्तानी कोर्ट ने हिंदू धार्मिक स्थल 'पंज तीरथ' को खाली कराने से रोका

पाकिस्तान में हिंदू और सिखों के तीर्थ स्थलों का रखरखाव करने वाली ईपीटीबी द्वारा नोटिस को चुनौती देने के बाद गुरुवार को हाई कोर्ट ने यह आदेश जारी किया।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Fri, 18 Jan 2019 08:15 PM (IST)Updated: Fri, 18 Jan 2019 08:15 PM (IST)
पाकिस्तानी कोर्ट ने हिंदू धार्मिक स्थल  'पंज तीरथ' को खाली कराने से रोका
पाकिस्तानी कोर्ट ने हिंदू धार्मिक स्थल 'पंज तीरथ' को खाली कराने से रोका

पेशावर, प्रेट्र। पाकिस्तान के पेशावर हाई कोर्ट ने खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को राष्ट्रीय धरोहर घोषित हिंदू धार्मिक स्थल 'पंज तीरथ' को खाली कराने से रोक दिया। बता दें कि पेशावर के विस्थापन संपत्ति ट्रस्ट बोर्ड (ईपीटीबी) के उपनिदेशक हुमायूं खान ने कहा कि प्रांतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने पंज तीरथ खाली करने का निर्देश दिया था।

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पाकिस्तान में हिंदू और सिखों के तीर्थ स्थलों का रखरखाव करने वाली ईपीटीबी द्वारा नोटिस को चुनौती देने के बाद गुरुवार को हाई कोर्ट ने यह आदेश जारी किया। खान ने कहा कि राष्ट्रीय धरोहर घोषित पंज तीरथ ईपीटीबी की संपत्ति है। पंज तीरथ का नाम पांच सरोवरों के कारण पड़ा है। यहां पर एक मंदिर और खजूर के पेड़ों वाला एक बाग है।

मान्यता है कि महाभारत काल के राजा पांडु यहीं के थे और हिंदू कार्तिक महीने में यहां आकर सरोवर में स्नान करते थे और वृक्षों के नीचे बैठकर दो दिन पूजा-अर्चना करते थे। 1747 में अफगान दुर्रानी के शासनकाल में इस धार्मिक स्थल को आक्रमणकारियों ने क्षतिग्रस्त कर दिया था। हालांकि 1834 में सिख शासन के समय यहां रहने वाले स्थानीय हिंदुओं ने इसका जीर्णोद्वार कराया और फिर से पूजा-अर्चना शुरू कर दी।


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