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आतंकी हाफिज सईद के पाकिस्‍तान की राजनीति में कदम रखने का रास्‍ता साफ

मुंबई हमले के मास्‍टरमाइंड का पाकिस्‍तान की राजनीति में एंट्री का रास्‍ता साफ हो गया है। कोर्ट के आदेश के बाद चुनाव आयोग को पार्टी का रजिस्ट्रेशन करना होगा।

By Pratibha KumariEdited By: Published: Fri, 09 Mar 2018 11:05 AM (IST)Updated: Fri, 09 Mar 2018 11:12 AM (IST)
आतंकी हाफिज सईद के पाकिस्‍तान की राजनीति में कदम रखने का रास्‍ता साफ
आतंकी हाफिज सईद के पाकिस्‍तान की राजनीति में कदम रखने का रास्‍ता साफ

इस्‍लामाबाद, पीटीआई। मुंबई हमले के मास्‍टरमाइंड हाफिज सईद का पाकिस्‍तान की राजनीति में कदम रखने का रास्‍ता साफ हो गया है। इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने स्थानीय चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह सईद की पार्टी का रजिस्ट्रेशन करे। सईद की राजनीतिक पार्टी का नाम मिल्ली मुस्लिम लीग है। कोर्ट के फैसले के बाद पाकिस्‍तान की राजनीति में सईद की पार्टी की एंट्री लगभग तय है। गौरतलब है कि लाहौर हाईकोर्ट द्वारा सईद की गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश के बाद यह निर्देश सामने आया है।

करना होगा पार्टी का रजिस्‍ट्रेशन
इस्‍लामाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद पाकिस्तान चुनाव आयोग को सईद की पार्टी का रजिस्ट्रेशन करना होगा। गौरतलब है कि इसके पहले आयोग ने ऐसा करने से इंकार कर दिया गया था। मगर फिर भी सईद ने लाहौर में पार्टी का दफ्तर खोल लिया था। वह यह पहले ही कह चुका है कि उसका संगठन जमात-उद-दावा इस साल के आम चुनाव में मिल्ली मुस्लिम लीग के बैनर तले शिरकत करेगा।

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गिरफ्तारी पर भी लग चुकी है रोक
हाल ही में लाहौर हाईकोर्ट ने पाकिस्तान और पंजाब सरकार को सईद को अगले आदेश तक न तो गिरफ्तार करने और न ही घर में नजरबंद करने का आदेश दिया है। उसने संभवित गिरफ्तारी के खिलाफ 23 जनवरी को अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

सईद ने दलील थी कि सरकार अमेरिका और भारत के कथित दबाव में उसे गिरफ्तार करना चाहती है। डॉन ऑनलाइन की खबर के मुताबिक, अदालत ने सरकार को उसे गिरफ्तार नहीं करने का आदेश दिया। साथ ही सरकार को याचिकाकर्ता के आरोपों पर जवाब दाखिल करने का आदेश भी दिया। केंद्र और पंजाब सरकार हालांकि जवाब दाखिल करने में विफल रहीं। उन्होंने इसके लिए और समय दिए जाने की मांग की।

सईद के नाम पर पाक ने फिर दिया धोखा

पाकिस्तान ने पिछले महीने आतंकी फंडिंग के अंतरराष्ट्रीय निगरानी संगठन फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की काली सूची में जाने से बचने के लिए हाफिज सईद के संगठन जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध लगाने का जो नाटक रचा था, उसकी पोल खुल गई है। सईद और उसके अन्य आतंकी साथी और प्रतिबंधित फलाह-आइ-इंसानियत (एफआइएफ) के दफ्तर पाकिस्तान में खुलेआम चल रहे हैं। उसके कामकाज पर पाकिस्तान के लगाए प्रतिबंध का कोई असर नहीं पड़ा है।


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