पाक में हाफिज सईद के दो प्रमुख चैरिटी पर लगे प्रतिबंध, हाफिज बोला- कोर्ट में देंगे चुनौती
पाकिस्तान के गृह मंत्री ने सईद के द्वारा स्थापित चैरिटी संस्था जमात-उद-दावा से जुड़ी एक अन्य संस्था फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के खिलाफ एक सूचना जारी कर दी।
इस्लामाबाद, प्रेट्र। अंतरराष्ट्रीय दबाव के आगे झुकते हुए पाकिस्तान ने एक बार फिर मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद के खिलाफ कार्रवाई शुरू की है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक सईद द्वारा संचालित मदरसों और स्वास्थ्य केंद्रों पर कार्रवाई की जा रही है। पिछले महीने ही संयुक्त राष्ट्र दल ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई की प्रगति का जायजा लेने के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था, जिन पर इसने प्रतिबंध लगाया है।
पाक को सता रहा बड़ी कार्रवाई का डर
लेकिन, हाफिज के खिलाफ कार्रवाई की असल वजह पेरिस में होने जा रही फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक है। इसमें पाकिस्तान को अपने खिलाफ बड़ी कार्रवाई का डर सता रहा है। एफएटीएफ की सूची में पाकिस्तान को पिछली बार फरवरी 2012 में डाला गया था और वह तीन साल तक इसमें रहा था। पंजाब सरकार के आदेश के बाद रावलपिंडी के जिला प्रशासन ने सईद से संबद्ध जमात-उद-दावा और फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन द्वारा संचालित एक मदरसा और चार डिस्पेंसरियों का नियंत्रण ले लिया है।
चार मदरसों पर प्रशासन का कब्जा
डॉन अखबार की खबर में बताया गया है कि मदरसे का जिम्मा औकाफ विभाग को सौंप दिया गया, जो धार्मिक संपत्तियों को नियंत्रित करता है। खबर में कहा गया है कि प्रांतीय सरकार ने पिछले शुक्रवार को औकाफ विभाग को मदरसों का नियंत्रण अपने हाथ में लेने का आदेश दिया था। जिला प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रांतीय सरकार ने रावलपिंडी में चार मदरसों की एक सूची जिला प्रशासन को सौंपी है। जिला प्रशासन की टीमें इन मदरसों में गई, लेकिन जमात ने इन मदरसों के साथ कोई संबंध होने से इन्कार किया है। ऐसा ही अभियान अटक, चकवाल और झेलम जिलों भी चलाया जाएगा।
दो चैरिटी पर लगाए प्रतिबंध
बहरहाल, पर्यवेक्षकों का मानना है कि देशभर में फैले जमात के दफ्तरों को नियंत्रण में लेना सरकार के लिए आसान नहीं होगा। हाफिज सईद साल 2008 में मुंबई में हुए आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। जमात-उद-दावा आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है। अब पाकिस्तान ने हाफिज सईद से जुड़े दो चैरिटी संस्थाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिए हैं।
पाकिस्तान के गृह मंत्री ने सईद के द्वारा स्थापित चैरिटी संस्था जमात-उद-दावा से जुड़ी एक अन्य संस्था फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन के खिलाफ एक सूचना जारी कर दी। पाकिस्तानी न्यूज चैनल अलजजीरा के हवाले से ये खबर सामने आई है। जारी निर्देशों के अनुसार, हमने शुरुआत से ही जेयूडी से जुड़े सभी सुविधाओं, कार्यालय, स्कूल्स, डिस्पेंसरी और सेमिनार को अपने कब्जे में लेना शुरु कर दिया है। पंजाब प्रांत के कानून मंत्री राणा सनुल्लाह ने ये बातें कहीं।
हाफिज की प्रतिक्रिया, कहा- कोर्ट में देंगे चुनौती
पाक सरकार के हाफिज के चैरिटी संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद हाफिज सईद ने कहा है कि वह अदालत में सरकार की गैरकानूनी कार्रवाई को चुनौती देंगे। बिना किसी आधार के 10 महीने मुझे कैद में रखने के बाद अब सरकार हमारे स्कूलों, अस्पतालों सहित अन्य चैरिटी संस्थाओं पर प्रतिबंध लगा रही है। इससे पंजाब, बलूचिस्तान, सिंध, आजाद कश्मीर और उत्तरी इलाके में चलाए जा रहे राहत कार्य पर प्रभाव पड़ेगा। सरकार ने एक अध्यादेश जारी कर तत्काल प्रभाव से हाफिज के जेयूडी और एफआईएफ से जुड़े चल-अचल संपत्ति को अपने कब्जे में ले लिया था।
'अमेरिका और भारत को खुश करने की कोशिश कर रही पाक सरकार'
अपने कार्यकर्ताओं को दिए संदेश में सईद ने कहा कि वे शांति बनाए रखें और उन्हें किसी भी तरह के हिंसात्मक प्रतिक्रियाओं से बचने की अपील की है। यह हमारे लिए सबसे मुश्किल समय है लेकिन कार्यकर्ताओं को शांतिपूर्वक अपना धैर्य बनाए रखना होगा। सत्ताधारी तानाशाही नीति अपना रहे हैं। भारत ने संयुक्त राष्ट्र के सुझावों को कश्मीर पर कभी लागू नहीं किया लेकिन पाकिस्तान ने राष्ट्रपति के आदेशों को मानते हुए देशभक्त चैरिटी संगठनों पर प्रतिबंध लगा दिया। कहा कि पाक सरकार अमेरिका और भारत को खुश करने के लिए हमारे खिलाफ चरम कार्रवाई कर रही है। हम इसके खिलाफ अदालत में आवाज उठायेंगे।
बता दें कि लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद को संयुक्त राष्ट्र 2008 में वैश्विक आतंकी घोषित कर चुका है साथ ही 2012 में उसके उपर 10 मिलियन बाउंटी अमेरीकी डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है।