अपने गृह नगर पहुंचकर भावुक हुईं नोबेल विजेता मलाला यूसुफजई
कड़ी सुरक्षा के बीच वह हेलीकॉप्टर से मिंगोरा के मकन बाघ स्थित अपने पैतृक आवास पर पहुंचीं।
पेशावर (पीटीआई)। नोबेल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई एक दिवसीय यात्रा पर गृह नगर स्वात घाटी पहुंची हैं। लड़कियों की शिक्षा की वकालत करने वाली मलाला 2012 में तालिबान की गोली का शिकार हुई थीं। तब उन्हें इलाज के लिए एयरलिफ्ट कर ब्रिटेन ले जाया गया था। इसके छह साल बाद वह गुरुवार को अपने पिता और छोटे भाई के साथ स्वदेश लौटी हैं।
सुरक्षा कारणों से पहले उनका स्वात घाटी आना तय नहीं था। लेकिन उन्होंने अपने घर जाने की इच्छा जताई थी। इसके बाद कड़ी सुरक्षा के बीच वह हेलीकॉप्टर से मिंगोरा के मकन बाघ स्थित अपने पैतृक आवास पर पहुंचीं। पाकिस्तान की सूचना राज्य मंत्री मरयम औरंगजेब भी उनके साथ मौजूद थीं। पुराने मित्रों और शिक्षकों से मुलाकात करते हुए मलाला की आंखों में आंसू आ गए। घर पर कुछ समय बिताने के बाद वह स्वात कैडेट कॉलेज पहुंचीं। यहां वह एक समारोह को संबोधित किया। साथ ही शांग्ला जिले में लड़कियों के स्कूल के उद्घाटन का भी कार्यक्रम है। यह स्कूल मलाला को नोबेल पुरस्कार के साथ मिली इनामी राशि से बनाया गया है।
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ रहीं मलाला ने कहा, 'मैं अपने वतन को बहुत याद करती हूं। पढ़ाई खत्म होने के बाद मैं हमेशा के लिए पाकिस्तान आना चाहती हूं। यहां रहकर मैं बच्चों को उचित शिक्षा दिलाने का अपना मिशन भी पूरा करूंगी।'
उल्लेखनीय है कि 2014 में उन्हें 14 साल की उम्र में भारत के कैलाश सत्यार्थी के साथ नोबेल शांति पुरस्कार दिया गया था। उन्होंने पाकिस्तान, नाइजीरिया, जॉर्डन, सीरिया और केन्या में शिक्षा की वकालत करने वाले समूहों के सहयोग के लिए मलाला फंड की भी स्थापना की है।