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नवाज के सत्ता में आते ही पिघलने लगती है भारत-पाक रिश्तों में जमी बर्फ

शरीफ ने एक इंटरव्यू में माना था कि मुंबई हमलों में शामिल लोग पाकिस्तान के थे। उनके इस बयान के खिलाफ दाखिल की गई एक याचिका में लाहौर हाई कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया हुआ है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Sat, 14 Jul 2018 09:15 AM (IST)Updated: Sat, 14 Jul 2018 09:47 AM (IST)
नवाज के सत्ता में आते ही पिघलने लगती है भारत-पाक रिश्तों में जमी बर्फ
नवाज के सत्ता में आते ही पिघलने लगती है भारत-पाक रिश्तों में जमी बर्फ

नई दिल्ली [जेएनएन]। माना जाता है कि नवाज शरीफ जब सत्ता संभालते हैं तो भारत-पाक के रिश्तों में जमीं बर्फ पिघलने लगती है। पहल चाहे भारत से ही क्यों न हो, आस बंधती है। नवाज जब दूसरी बार प्रधानमंत्री बने थे, तब भारत के प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी बस से पाकिस्तान गए थे और दोनों देशों के बीच लाहौर समझौता हुआ था। इसके तत्काल बाद कारगिल की घटना से रिश्ते तनावपूर्ण हो गए थे।

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हालांकि माना जाता है कि कारगिल की घटना में शरीफ का हाथ नहीं था। 2013 में नवाज शरीफ पाकिस्तान के तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और अगले ही साल 2014 में भारत में नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली। मोदी ने नवाज शरीफ को अपने शपथ ग्रहण समारोह में आमंत्रित किया था। एक बार पीएम मोदी नवाज शरीफ के जन्मदिन पर अचानक पाकिस्तान पहुंच गए और उन्हें जन्मदिन की मुबारकबाद दी थी। हालांकि आतंकवाद के नाम पर दोनों देशों में गतिरोध इस कदर बढ़ गए कि द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो पाई।

तीन बार रहे प्रधानमंत्री, कभी कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए
नवाज पाकिस्तान के इकलौते नेता हैं, जो तीन बार प्रधानमंत्री बने। पहली बार नवंबर 1990 में देश के 12वें प्रधानमंत्री बने। हालांकि जुलाई 1993 तक ही पद पर रह पाए। दूसरी बार फरवरी 1997 में सत्ता संभाली और 1999 में तख्तापलट तक प्रधानमंत्री रहे। 2000 से 2007 तक उन्हें निर्वासित जीवन जीना पड़ा। 2013 में आम चुनाव जीतने के बाद फिर उन्हें प्रधानमंत्री की गद्दी मिली। हालांकि तीनों बार वह अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।

नवाज शरीफ के बारे में
लाहौर में नवाज शरीफ का जन्म 25 दिसंबर 1949 को हुआ था। 1947 में उनके पिता मोहम्मद शरीफ अमृतसर से पाकिस्तान चले गए थे। शरीफ की शिक्षा लाहौर के सेंट एंथनी स्कूल और गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी, लाहौर में हुई थी। उनके परिवार का स्टील का व्यवसाय था। पाकिस्तान सरकार ने 1976 में स्टील व्यवसाय का राष्ट्रीयकरण कर दिया तो शरीफ ने राजनीति में कदम बढ़ा दिया। 1980 में वह पाक के पंजाब प्रांत के वित्त मंत्री बने। 1981 में उन्हें पंजाब सलाहकार बोर्ड में शामिल किया गया।

तत्कालीन सैन्य शासक जनरल जियाउल-हक से नजदीकियां बढ़ी तो उन्हें 1985 में पंजाब का मुख्यमंत्री बना दिया गया। 1988 में जिया की मौत के बाद पाकिस्तान मुस्लिम लीग फीदा और जुनेजा गुट में विभाजित हो गई। फीदा गुट का नेतृत्व नवाज शरीफ के हाथ में आ गया। 1988 में हुए चुनाव में बेनजीर भुट्टो ने सत्ता संभाली तो शरीफ विपक्ष के नेता बनाए गए।

मुंबई हमले पर दिए बयान पर नोटिस
शरीफ ने एक इंटरव्यू में माना था कि मुंबई हमलों में शामिल लोग पाकिस्तान के थे। उनके इस बयान के खिलाफ दाखिल की गई एक याचिका में लाहौर हाई कोर्ट ने उन्हें नोटिस जारी किया हुआ है।

शिखर से जेल तक शरीफ का सफर
1949 लाहौर के एक कारोबारी 1949 घराने में जन्म

4 अप्रैल, 2016- पनामा पेपर लीक मामले में इनके परिवार का भ्रष्टाचार सामने आया।

5 अप्रैल 2016- आरोपों से इन्कार करते हुए शरीफ ने जांच के लिए न्यायिक समिति का गठन किया।

26 अप्रैल 2016 - विपक्षी पार्टियों ने सरकार द्वारा गठित न्यायिक आयोग को खारिज किया।

1नवंबर 2016 - सुप्रीम कोर्ट ने नवाज शरीफ से संबंधित मामले पर सुनवाई का फैसला लिया।

7 नवंबर 2016 - पीएमएल-एन ने कतर के राजकुमार का पत्र सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जिसमें लंदन के उस फ्लैट की सूचना थी।

6 छह जनवरी 2017 - शरीफ की बेटी मरयम नवाज ने सुप्रीम कोर्ट में संपत्ति का ब्यौरा पेश किया।

20 अप्रैल 2017 - सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ के खिलाफ भ्रष्टाचार की जांच के लिए संयुक्त जांच टीम गठित करने का आदेश दिया।

मई 2017 - संयुक्त जांच दल 5 गठित।

22 मई 2017 - संयुक्त जांच दल ने सुप्रीम कोर्ट में पहली रिपोर्ट पेश की।

10 जुलाई 2017 - संयुक्त जांच दल ने अपनी अंतिम रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंपी।

28 जुलाई 2017 : सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ ने ध्वनिमत से शरीफ के खिलाफ फैसला सुनाया। उन्हें पद के अयोग्य ठहराया।

13 अप्रैल, 2018- सुप्रीम कोर्ट ने शरीफ के राजनीतिक जीवन को प्रतिबंधित कर दिया।

6 जुलाई, 2018- नैब अदालत ने भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए इन्हें दस साल की सजा सुनाई।

12 जुलाई 2018 - शरीफ और मरयम लंदन से पाकिस्तान के लिए रवाना हुए।

13 जुलाई 2018 - शरीफ और मरयम को लाहौर पहुंचते ही गिरफ्तार किया गया।

जब सऊदी अरब, अमेरिका ने बचाई शरीफ की जान
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीएमएल (एन) नेता नवाज शरीफ को वर्ष 2000 से 2007 तक निर्वासन झेलना पड़ा था। उस समय पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ही उन्हें वापस आने की इजाजत दी गई थी।

अक्टूबर 1999 में तख्तापलट के बाद तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ ने शरीफ की निर्वाचित सरकार को बर्खास्त कर दिया था। इसके बाद पाकिस्तान की आतंक विरोधी अदालत ने शरीफ को भ्रष्टाचार के अपराध में दोषी माना। शरीफ को जेल में डाल दिया गया। सैन्य शासन ने मुकदमा चलाया और माना जाता है कि उन्हें मौत की सजा देने की तैयारी थी। तब सऊदी अरब के किंग फहद और अमेरिकी राष्ट्रपति बिल क्लिंटन ने शरीफ को जेल से निकालकर सऊदी के जेद्दा पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।

शरीफ को दस साल के लिए निर्वासित किया गया था। आखिर 23 अगस्त 2007 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें वतन लौटने की इजाजत दे दी। 10 सितंबर 2007 को वह लौटे लेकिन इस्लामाबाद एयरपोर्ट से ही उन्हें जेद्दा वापस भेज दिया गया। पाक में इमरजेंसी लगने के बाद पहली बार मुशर्रफ सऊदी अरब गए। वह नहीं चाहते थे कि जनवरी 2008 में होने जा रहा आम चुनाव से पहले शरीफ वतन लौटें लेकिन सऊदी अरब ने कहा कि जब निर्वासित पीपीपी नेता और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो को पाकिस्तान लौटने की इजाजत दे दी गई है तो नवाज को भी अनुमति मिलनी चाहिए।  

नवाज शरीफ- 'मुझे सामने सलाखें दिख रहीं, फिर भी पाकिस्तान लौट रहा'
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने कहा कि वे जनादेश के सम्मान के लिए पाकिस्तान लौट रहे हैं। बुधवार को अपनी बेटी मरियम के साथ लंदन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए शरीफ ने कहा, 'मेरी आंखों के सामने मुझे सलाखे दिख रही हैं, इसके बावजूद मैंने अपने देश लौटने का फैसला किया है।' वे बोले कि मैं जनादेश के सम्मान के लिए वचनबद्ध हूं।

बेटी की सजा पर बोले शरीफ
इस बीच शरीफ ने अपनी बेटी मरियम को 7 साल की जेल की सजा देने के अदालत के फैसले की भी आलोचना की। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वालों ने यह भी याद नहीं किया कि पाकिस्तान की बेटियां किस तरह की हैं। उन्होंने कहा, 'इन लोगों ने मेरी बेटी को जेल की सजा नहीं सुनाई है, बल्कि देश की हर बेटी को सजा सुनाई है।'

शरीफ ने लगाए गंभीर आरोप
शरीफ ने दावा किया कि न्यायाधीश (जिन्होंने एवेनफील्ड के संदर्भ को सुना था) ने स्वीकार किया था कि उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का कोई सबूत नहीं मिला है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें भ्रष्टाचार के संदर्भ में सजा सुनाई गई, भले ही उनके खिलाफ भ्रष्टाचार सिद्ध नहीं हुआ हो। उन्होंने कहा कि यहां समस्या न्याय के दो अलग-अलग मानकों की है, एक मानक मेरे लिए है, दूसरा उनके पसंदीदा लोगों के लिए है।

फिर नहीं जा सकेंगे विदेश
बता दें कि पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और उनकी बेटी मरियम स्वदेश वापसी के बाद फिर विदेश नहीं जा सकेंगे। पाकिस्तान की सरकार ने दोनों के नाम एक्जिट कंट्रोल लिस्ट (ईसीएल) में डाल दिए। इस सूची में शामिल लोग देश छोड़कर नहीं जा सकते।


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