आतंकी हमलों से सहमा पाकिस्तान मना रहा राष्ट्रीय शोक दिवस
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में चुनावी रैली में हुए विस्फोट में मारे गए लोगों के लिए पाकिस्तान आज (रविवार) राष्ट्रीय शोक मना रहा है।
पेशावर (पीटीआइ)। पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में चुनावी रैली में हुए विस्फोट में मारे गए लोगों के लिए पाकिस्तान आज (रविवार) राष्ट्रीय शोक मना रहा है। इन हमलों में मारे गए लोगों के सम्मान में आज पाक का राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा। शुक्रवार को बलूचिस्तान में हुए आत्मघाती हमले में मौत की संख्या 130 हो गई है। 25 जुलाई को देश में होने वाले आम चुनाव से पहले आतंकी हमलों ने राजनेताओं की चिंता बढ़ा दी है।
बता दें कि बलूचिस्तान आवामी पार्टी के नेता सिराज रायसानी की मस्तंग इलाके में आयोजित सभा को निशाना बनाया था। रायसानी पीबी-35 से प्रत्याशी थे। इस हमले में 128 लोग मारे गए, लेकिन दो घायलों की मौत के बाद ये आंकड़ा बढ़कर 130 हो गया है। वहीं धमाके में करीब 200 लोग जख्मी हो गए, इनमें 20 की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।
पाकिस्तान में दो बड़े आतंकी हमलों में (बलूचिस्तान और खैबर पख्तूनख्वा प्रांत) 135 मासूम नागरिकों की मौत हो चुकी है। बलूचिस्तान आतंकी हमले से पहले खैबर पख्तूनख्वा के बन्नू इलाके में मुत्ताहिदा मजलिस अमाल नेता अकरम खान दुर्रानी की रैली में विस्फोट हुआ था। इस घटना में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 37 अन्य घायल हो गए। हालांकि दुर्रानी बाल बाल बच गए लेकिन उनका वाहन क्षतिग्रस्त हो गया था। इस बीच बलूचिस्तान हमले की जिम्मेदारी आइएसआइएस ने ली है।
गौरतलब है कि पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय ने शनिवार को जारी बयान में कहा था कि पेशावर में मंगलवार को और मस्तंग में शुक्रवार को हुए आतंकी हमलों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने रविवार को देश में शोक मनाने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा, 'आतंकी घटनाओं के मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि अर्पित करने और पीड़ितों के परिवारों के साथ दुःख और एकजुटता व्यक्त करने के लिए रविवार को शोक दिवस मनाया जाएगा। इस अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा।'
पाकिस्तान में होने वाले आम चुनाव से पहले इस दो आतंकी हमलों ने देश से लेकर दुनिया तक को हिला दिया है। वर्ष 2014 में पेशावर के सैनिक पब्लिक स्कूल में हुए नरसंहार के बाद का यह सबसे घातक हमला था। मुस्तांग का हमला देश में आगामी 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव से पूर्व राजनीतिक तौर पर सक्रिय व्यक्ति को निशाना बनाकर किया गया था।