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पाकिस्तान : 2018 में हर दिन 12 से अधिक बच्चे हुए यौन उत्पीड़न का शिकार

इस साल की पहली छमाही में पाकिस्तान में हर रोज 12 से अधिक बच्चे शोषण का शिकार हुए हैं। एनजीओ साहिल द्वारा जारी एक रिपोर्ट में पता चला है

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Fri, 31 Aug 2018 02:31 PM (IST)Updated: Fri, 31 Aug 2018 02:44 PM (IST)
पाकिस्तान : 2018 में हर दिन 12 से अधिक बच्चे हुए यौन उत्पीड़न का शिकार
पाकिस्तान : 2018 में हर दिन 12 से अधिक बच्चे हुए यौन उत्पीड़न का शिकार

इस्लामाबाद (एजेंसी)। पाकिस्तान में बाल शोषण और बाल अपराध के मामलों में चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। इस साल की पहली छमाही में पाकिस्तान में हर रोज 12 से अधिक बच्चे शोषण का शिकार हुए हैं। एनजीओ साहिल द्वारा जारी एक रिपोर्ट में पता चला है कि 2017 के पहले छमाही की तुलना में 2018 के पहले छह महीनों में बाल शोषण के मामलों में 32 फीसद की वृद्धि हुई है।

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इस साल कुल 2,322 बाल अपराध के मामले दर्ज

डॉन ने इस रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया है कि सभी चार प्रांत- इस्लामाबाद, पीओके और गिलगित-बाल्टिस्तान में इस साल कुल 2,322 बाल अपराध के मामले दर्ज हुए हैं। इसकी तुलना में जनवरी से जून 2017 तक ये संख्या 1,764 थी। आंकड़ों से पता चला है कि इस साल जनवरी से जून की अवधि के दौरान हर दिन 12 से ज्यादा बच्चे बाल अपराध का शिकार हुए हैं। इसके अलावा, ग्रामीण क्षेत्रों से 1,725 मामले और शहरी क्षेत्रों से 597 मामले सामने आए।

सबसे ज्यादा 6-15 साल के बच्चों यौन उत्पीड़न का शिकार

रिपोर्ट में कहा गया है कि लड़कों से यौन उत्पीड़न के मामलों में 47 फीसद बढ़ोतरी हुई है, जबकि पिछले साल की तुलना में लड़कियों के यौन शोषण के मामलों में 22 फीसद की वृद्धि हुई है। ज्यादातर छह से 15 साल के बच्चों को निशाना बनाया जा रहा है। हालांकि, पांच साल की उम्र के बच्चों के मामलों में खतरनाक वृद्धि भी देखी गई है। 2017 के पहले छह महीनों में कुल 79 ऐसे मामलों की सूचना मिली थी, लेकिन इस वर्ष की पहली छमाही में पांच वर्ष की आयु तक के बच्चों के साथ 321 दुष्कर्म के मामले दर्ज किए गए हैं।

ज्यादातर मामलों में परिचित निकले अपराधी

रिपोर्ट में दर्ज आंकड़ों के मुताबिक, बाल शोषण के 48 फीसद मामलों में परिचित ही आरोपी निकला है, जबकि 14 फीसद मामलों में अजनबियों के साथ परिचितों द्वारा यौन उत्पीड़न किया गया। 11 फीसद अंजान और 12 फीसद मामलों में बाल शोषण करने वाले की पहचान नहीं हो सकी है।

रिश्तेदारों के घरों में आपके बच्चे हैं असुरक्षित!

बच्चे सबसे ज्यादा किसी रिश्तेदार के घर में शोषण का शिकार हुए हैं। रिपोर्ट के अनुसार, किसी परिचित व्यक्ति के घर पर कुल 24 फीसद ऐसे मामले देखने को मिले हैं। 16 फीसद पीड़ित के घर और 10 फीसद बाहर किसी स्थान पर बाल अपराध हुआ है। ये आंकड़ा लगभग पिछले साल के समान ही है।

केवल 89% मामलों पर शिकायत दर्ज

बाल अपराध और शोषण के कुल मामलों में से 89 फीसद मामलों की पुलिस में शिकायत दर्ज है। 32 बाल शोषण के केस में पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से इन्कार कर दिया है, जबकि 17 मामलों में किसी न किसी कारण से शिकायत दर्ज नहीं हो सकी।

इस साल पुलिस में दर्ज मामलों में हुई वृद्धि

पिछले साल की तुलना में, रजिस्टर्ड मामलों की संख्या में 59 फीसद की वृद्धि हुई है जबकि पुलिस द्वारा शिकायत दर्ज करने से इन्कार करने के मामलों में 32 फीसद कमी आई है। रिपोर्ट के कहा गया है कि पंजाब प्रांत में 65 फीसद और सिंध प्रांत में 26 फीसद अपराध का आंकड़ा दर्ज किया गया है।

किस राज्य में कितने मामले दर्ज 

राज्य  मामले दर्ज
 ख़ैबर पख़्तूनख़्वा   69
 इस्लामाबाद  68
 बलूचिस्तान   55
 पीओके  21
 गिलगित बाल्टिस्तान  दो
      -   -

जैनब मामले का भी जिक्र

डॉन ने बताया कि रिपोर्ट के लेखकों में से एक ममताज गोहर ने कहा कि हालांकि जैनब दुष्कर्म और हत्या मामले के बाद बाल दुर्व्यवहार के मामलों में गिरावट की उम्मीद थी, लेकिन दुर्भाग्य से वे बढ़ गए हैं। उन्होंने कहा, 'हालांकि एक और विचार यह है कि जैनब दुष्कर्म और हत्या के मामले में यौन शोषण की घटनाओं को छिपाने के बजाय पीड़ितों के परिवारों को आवाज उठाने का साहस मिला। अच्छी बात यह है कि उस मामले के तुरंत बाद, इस तरह के मामले में परिवारों के दृष्टिकोण और व्यवहार में एक कठोर परिवर्तन देखा गया है।'

जैनब दुष्कर्म और हत्या मामला

चार, जनवरी 2017 -में पाकिस्तान में एक छह साल की मासूम जैनब की दुष्कर्म के बाद हत्या कर दी गई थी। पाकिस्तान के इस दुष्कर्म कांड के बाद आम जनता के बीच जबरदस्त गुस्सा देखने को मिला था। पंजाब प्रांत में पुलिस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन भी हुआ। पाकिस्तान के इस दुष्कर्म कांड को लेकर लोगों का गुस्सा भारत के निर्भया कांड जैसा ही था। कई शहरों में हिंसक प्रदर्शन हुए। कसूर शहर में तो पुलिसिया कार्रवाई में दो लोगों की मौत भी हो गई थी। हालांकि जैनब को डेढ़ महीने के अंदर इंसाफ मिला और पाकिस्तान की अदालत ने जैनब के हत्यारे और दुष्कर्म का दोषी इमरान को सजा-ए-मौत की सजा सुनाई।


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