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जानिए, क्‍यों मरियम ने शिहाला रेस्ट हाउस में शिफ्ट होने से किया इनकार

भ्रष्टाचार के मामलों में सात साल की जेल की सजा काट रही मरियम नवाज ने शिहाला रेस्ट हाउस में स्थानांतरित किए जाने के अनुरोध को इनकार कर दिया है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Sat, 21 Jul 2018 03:12 PM (IST)Updated: Sat, 21 Jul 2018 04:24 PM (IST)
जानिए, क्‍यों मरियम ने शिहाला रेस्ट हाउस में शिफ्ट होने से किया इनकार
जानिए, क्‍यों मरियम ने शिहाला रेस्ट हाउस में शिफ्ट होने से किया इनकार

इस्लामाबाद (प्रेट्र)। भ्रष्टाचार के आरोप में जेल की सजा काट रही पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी मरियम ने आदियाला जेल से शिहाला रेस्ट हाउस में जाने से इनकार कर दिया है। उन्‍होंने कहा है कि वह अपने पिता और पति के साथ उच्च सुरक्षा आदियाला जेल में ही रहना पसंद करेगी।

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बता दें कि 68 वर्षीय नवाज शरीफ और 44 वर्षीय उनकी बेटी मरियम नवाज को लंदन में लक्जरी फ्लैटों पर अपने परिवार के स्वामित्व के मामले में दोषी पाए जाने पर 13 जुलाई को लाहौर में गिरफ्तार कर लिया गया था। बाद में उन्हें रावलपिंडी में आदियाला जेल ले जाया गया। पनामा पेपर घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों के लिए शारिफ और मरियम दोनों को जवाबदेही अदालत ने क्रमशः 10 और 7 साल की सजा सुनाई।

इसके अलावा मरियम के पति कप्तान (सेवानिवृत्त) सफदर को भी एक साल की सजा सुनाई गई थी। इससे पहले, इस्लामाबाद के मुख्य आयुक्त ने कहा था कि इस्लामाबाद के उपनगरीय इलाके में स्थित शिहाला रेस्ट हाउस को उप-जेल में परिवर्तित कर दिया गया था।

जियो न्यूज के मुताबिक, जेल अधिकारी पिता-बेटी को रेस्ट हाउस ले जाना चाहते थे क्योंकि जेल में महिला कैदियों के लिए बेहतर सुविधाओं की कमी है। लेकिन मरियम ने अधिकारियों से कहा है कि वह अपने पति और पिता के साथ आदियाला जेल में ही रहना पसंद करेंगी।

बता दें कि, सोमवार को शरीफ, उनकी बेटी और दामाद ने भ्रष्टाचार के मामलों में फैसले के खिलाफ इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में अपील दायर की थी और जमानत पर रिहा होने की मांग की थी।

नवाज और उनके बेटे हुसैन और हसन पर भ्रष्टाचार के तीनों मामलों में आरोप लगाया गया है जबकि मरियम और सफदर पर केवल एवेनफील्ड मामले में आरोप लगाया गया था। इससे पहले, मीडिया रिपोर्टों में कहा गया था कि शिहाला पुलिस कॉलेज के परिसर में स्थित सफाट लॉज जिसे शिहाला रेस्ट हाउस के रूप में जाना जाता है, को फूलों और तस्वीरों से सजाया गया था। जियो न्यूज के मुताबिक, इन व्यवस्थाओं पर अधिकारियों ने कुल 2 मिलियन रुपये खर्च किए हैं।

बता दें कि यह वही लॉज है जहां 1996 में बर्खास्त किए गए पूर्व राष्ट्रपति और पीपीपी के सह-अध्यक्ष असिफ अली जरदारी को रखा गया था। उनके अलावा अन्य राजनीतिक नेताओं को भी अतीत में इस रेस्ट हाउस में रखा गया है।


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