Maharaja Ranjit Singh: पाकिस्तान में महाराजा रणजीत सिंह की पैतृक हवेली ध्वस्त, अधिकारियों ने इसे सुरक्षित पर्यटक स्थल बनाने का किया था एलान
पाकिस्तान के गुजरांवाला शहर में स्थित शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की पैतृक हवेली की छत शुक्रवार को ढह गई। सरकार की लगातार लापरवाही के कारण यह हवेली जर्जर हालत में पहुंच गई है। अधिकारियों ने हवेली को ऐतिहासिक पर्यटक स्थल में बदले जाने के लिए सुरक्षित घोषित किया था।
गुजरांवाला, एजेंसी। पाकिस्तान के गुजरांवाला शहर में स्थित शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की पैतृक हवेली की छत शुक्रवार को ढह गई। पाकिस्तान सरकार की लगातार उदासीनता के कारण यह हवेली जर्जर हालत में पहुंच गई है। कुछ ही दिन पहले दौरे पर आए अधिकारियों ने हवेली को ऐतिहासिक पर्यटक स्थल में बदले जाने के लिए सुरक्षित घोषित किया था। जिले के सहायक आयुक्त ने इसे पर्यटकों, खासकर भारत से आने वाले सिखों के लिए खोलने का एलान किया था।
सिख साम्राज्य पहले महाराजा
शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह सिख साम्राज्य के पहले महाराजा थे। 13 नवंबर, 1780 को उनका जन्म इसी हवेली में हुआ था। विश्वभर के सिखों में इस हवेली का बड़ा महत्व है। यह एक आयताकार हवेली है। 18वीं सदी में इस हवेली के चारों तरफ हरियाली थी और खुला स्थान था, लेकिन आज अवैध रूप से निर्मित बस्ती की भीड़ में खड़ी है। एक समय महाराजा रणजीत सिंह की समृद्धि और शान की प्रतीक रही यह हवेली स्थानीय लोगों द्वारा शेयर किए गए वीडियो में आज जर्जर दिख रही है।
हवेली के सामने अवैध बाजार
एक स्थानीय ने कहा कि इस हवेली के सामने पार्क बनाया गया था, बाजार के रूप में बदल गया अब इसपर अवैध मछली बाजार है। हालांकि इसक हवेली को मरम्मत करने के लिए कई बार धन आवंटित किया गया लेकिन मरम्मत नहीं हुआ। इसका गिरना अधिकारियों के लापरवाही को दिखाता है।
लापरवाही के कारण हुआ हवेली ध्वस्त
शेर-ए-पंजाब महाराजा रणजीत सिंह की पैतृक हवेली को पाकिस्तान पुरातत्व विभाग ने एक संरक्षित भवन घोषित किया था हालांकि इस ऐतिहासिक हवेली को पर्यटन स्थल पर बदलने के बाद भी यहां अधिकारी देख रेख के लिए नहीं आते थे। सरकार ने इसकी मरम्मत के लिए समय-समय पर धन जारी किए लेकिन इसका उपयोग नहीं किया गया।
सरकार ने हवेली को बनाया डंप यार्ड
कई रिपोर्टों के मुताबिक पाकिस्तानी सरकार इस हवेली के एक क्षेत्र को कुड़ा स्थल में बदल दिया था हालांकि सरकार ने कचरे के ढेर को बाद में हटा दिया। लेकिन बाद में इस जगह को पार्किंग के उपयोग किया जाने लगा। मालूम हो कि इस इमारत के निचली मंजिल को बंटवारे के बाद कई सालों तक पुलिस स्टेशन के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा था।