Move to Jagran APP

पाकिस्तान का दावा- कुलभूषण ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने से किया इनकार, दूसरा काउंसुलर एक्सेस देने की पेशकश

जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने से इनकार कर दिया है। पाकिस्तान ने यह दावा किया।

By TaniskEdited By: Published: Wed, 08 Jul 2020 02:28 PM (IST)Updated: Wed, 08 Jul 2020 05:01 PM (IST)
पाकिस्तान का दावा- कुलभूषण ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने से किया इनकार, दूसरा काउंसुलर एक्सेस देने की पेशकश
पाकिस्तान का दावा- कुलभूषण ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने से किया इनकार, दूसरा काउंसुलर एक्सेस देने की पेशकश

कराची, एएनआइ। जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव ने रिव्यू पिटीशन दाखिल करने से इनकार कर दिया है। समाचार एजेंसी एएनआइ के अनुसार पाकिस्तान ने यह दावा किया। साथ ही यह भी कहा है कि उसने जाधव को दूसरा काउंसुलर एक्सेस देने की पेशकश की है। पाकिस्तान के एडिशन अटॉर्नी जनरल के अनुसार 17 जून 2020 को कुलभूषण जाधव को सजा पर पुनर्विचार के लिए एक याचिका दायर करने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने याचिका दायर करने से इनकार कर दिया। समाचार एजेंसी एएनआइ ने पाकिस्तानी मीडिया के हवाले से जानकारी दी है कि जाधव ने इसके बजाय अपनी लंबित दया याचिका का पालन करने की बात कही। हालांकि, भारत की तरफ से इसे लेकर अभी तक कोई बयान सामने नहीं आया है। 

loksabha election banner

बता दें कि पाकिस्तान का दावा है कि जाधव को उसके सुरक्षाबलों ने ईरान से घुसने के बाद 3 मार्च, 2016 को बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया था। हालांकि, भारत के अनुसार व्यापार के सिलसिले में ईरान गए जाधव को अगवा किया गया था। पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा भारतीय नौसेना के अधिकारी जाधव को अप्रैल 2017 में कथित तौर पर जासूसी और आतंकवाद के आरोप में मौत की सजा सुनाई गई थी। बाद में भारत ने जाधव की सजा के खिलाफ हेग स्थित इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आइसीजे) में अपील की थी। जहां पाकिस्तान को करारी हार मिली।

भारत ने कहा कि पाकिस्तान ने कुलभूषण मामले में विएना संधी का उल्लंघन किया है। तकरीबन दो वर्ष दो महीने तक आइसीजे में यह मामला चला। इसके बाद 18 जुलाई 2019 को कोर्ट के 16 सदस्यीय न्यायाधीशों की पीठ ने भारत  के हक में फैसला सुनाया। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने साफ तौर किया कि दूसरे देश के अधिकारी या सैन्यकर्मी को पकड़े जाने पर लागू विएना समझौते के मुताबिक पाकिस्तान ने कदम नहीं उठाए। अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में जाधव की का केस वकील हरीश साल्वे लड़े थे। कोर्ट ने मामले में पाकिस्तान को जाधव की सजा की प्रभावी समीक्षा और पुनर्विचार करने को कहा था। साथ ही बगैर किसी देरी के कांसुलर एक्सेस प्रदान करने की भी बात कही थी।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.