शांतिवार्ता के लिए PM मोदी की सत्ता में वापसी जरूरी वाले बयान में फंसे इमरान, विपक्ष ने घेरा
कुरैशी ने इसके लिए भारतीय मीडिया को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान को सनसनीखेज रूप में पेश किया गया।
इस्लामाबाद, एजेंसी । पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा दो दिन पूर्व भाजपा और मोदी पर दिए गए बयान पर यहां की सियासत गरम हो गई है। विपक्ष ने इमरान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उधर, भारत में भी इसको लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। विपक्षी हमले के बीच गुरुवार को पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने इमरान के इस बयान इस पर सरकार की ओर से सफाई दी और इमरान का दृष्टिकोण रखा।
दरअसल, विदेशी पत्रकारों को दिए गए साक्षात्कार के दौरान खान ने कहा था कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पार्टी भाजपा आम चुनाव में विजयी होती है तो इस्लामाबाद और नई दिल्ली में शांतिवार्ता और कश्मीर मुद्दे को निपटने का एक बेहतर मौका होगा। उन्होंने कहा था कि मोदी के नेतृत्व में कश्मीर समस्या का समाधान निकालने में आसानी होगी। इसे लेकर पाकिस्तान के विपक्ष ने इमरान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पाकिस्तान के विदेश मामलों की समिति की इस बयान की निंदा की गई है।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री महमूद कुरैशी ने कहा कि आम चुनाव में जनता का अधिकार होता है कि वह किसकी जीत सुनिश्चित करती है। उन्होंने आगे कहा कि दुनिया जानती है कि इमरान और मोदी के बीच किस तरह के रिश्ते हैं। कुरैशी ने इसके लिए भारतीय मीडिया को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के बयान को सनसनीखेज रूप में पेश किया गया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री खान का यह बयान रिकॉर्ड में है। कुरैशी ने कहा कि मोदी के बारे में खान की राय से हर कोई अवगत है। कुरैशी ने इस बयान पर सफाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री के कहने का आशय सिर्फ यह था कि दोनों नेताओं के बीच संवाद तभी होगा जब मोदी और भारतीय जनता पार्टी चुनाव जीत कर आए।
भारत द्वारा 14 फरवरी के पुलवामा हमले में पाकिस्तान की संलिप्तता के सबूत वाले एक डोजियर का जिक्र करते हुए कुरैशी ने इसे मजाक करार दिया। बता दें कि 27 फरवरी को पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन जैश ए मुहम्मद की संलिप्तता का डोजियर सौंपा था।