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फर्जी निकले पाक के दावे, धड़ल्‍ले से जारी है जेयूडी/एफआइएफ के तमाम ऑफिस

अमेरिका द्वारा आतंकी संगठन कहे जाने वाले जेयूडी और एफआइएफ की चैरिटी में 300 सेमिनरीज, स्‍कूल, अस्‍पताल, पब्‍लिसिंग हाउस और एंबुलेंस सर्विसेज शामिल हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 24 Feb 2018 09:59 AM (IST)Updated: Sat, 24 Feb 2018 03:24 PM (IST)
फर्जी निकले पाक के दावे, धड़ल्‍ले से जारी है जेयूडी/एफआइएफ के तमाम ऑफिस
फर्जी निकले पाक के दावे, धड़ल्‍ले से जारी है जेयूडी/एफआइएफ के तमाम ऑफिस

लाहौर (एएनआई)। पाकिस्‍तान सरकार द्वारा दो आतंकी संगठनों व इनके द्वारा चलाए जा रहे चैरिटी को प्रतिबंधित करने का दावा झूठा साबित हुआ है। दरअसल, इसका पता एक विडियो से चला कि अब भी ये चैरिटी काफी सक्रिय हैं। पाकिस्‍तान ने जमात-उद-दवा (जेयूडी) और फलह-ए-इंसानियत (एफआइएफ) को प्रतिबंधित करने के साथ इन संगठनों द्वारा चलाए जा रहे चैरिटी को भी जब्‍त करने का दावा किया था।

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...बेनकाब हुआ पाक

अमेरिका द्वारा आतंकी संगठन कहे जाने वाले जेयूडी और एफआइएफ की चैरिटी में 300 सेमिनरीज, स्‍कूल, अस्‍पताल, पब्‍लिसिंग हाउस और एंबुलेंस सर्विसेज शामिल हैं। ये चैरिटी लश्‍कर-ए-तैयबा के फाउंडर हाफिज सईद द्वारा चलाए जाते हैं, जिसे संयुक्‍त राष्‍ट्र ने आतंकी करार दिया है और अमेरिका ने उसपर 2012 में ही 10 मिलियन डॉलर का इनाम रखा है। विडियो में कैद सबूतों से पता चलता है कि जेयूडी और एफआइएफ के ये ऑफिस भावलपुर, रावलपिंडी, लाहौर, शेखपुरा, मुल्‍तान, पेशावर, हैदराबाद, सुक्‍कुर और मुजफ्फराबाद में चलाए जा रहे हैं।

मानवता का कर रहे काम: जेयूडी चैरिटी

भावलपुरा के जेयूडी चैरिटी चलाने वाले अबू हुरैरा ने चैरिटेबल एक्‍टिविटी को बैन करने पर पाक सरकार की कड़ी निंदा की है। उसने कहा, ‘सरकार ने जेयूडी और एफआइएफ की धार्मिक और चैरिटेबल गतिविधियों पर बैन लगाया है और इनके साइनबोर्ड की जगह औकफ बोर्ड लगा दिए गए हैं। पंजाब सरकार के अधिकारियों ने भी बताया था कि जेयूडी पर यूएन द्वारा रोक लगा दिया गया है इसलिए उन्‍हें सीनियर के निर्देशों का पालन करना होगा। जेयूडी और एफआइएफ कश्‍मीर व थारपार्कर में राहत कार्य कर रहे हैं। वे मानवता में लगे हैं और आम लोगों की मदद कर रहे हैं। जेयूडी और एफआइएफ ने राहत कार्यों के तहत नदियों से दस शवों को निकाला और अनेकों लोगों को डूबने से बचाया।‘

उसने आगे कहा कि एफआइएफ के लोग ऐसे जगहों पर राहत कार्य में जुटे हैं जहां कोई जाने की हिम्‍मत भी नहीं कर सकता। हमें नहीं पता की सरकार किसके दबाव में जेयूडी और एफआइएफ के खिलाफ फैसला ले रही है। हजारों लोग जेयूडी से जुड़े हैं इसलिए सरकार के इस कदम से अनेकों लोग बेरोजगार हो जाएंगे। इन दोनों संगठनों को उनके प्रोग्राम चलाने व फंड इकट्ठा करने से रोक दिया गया है। परिणामस्‍वरूप लोग भूखों करने को मजबूर हो जाएंगे।

केवल बदला है साइनबोर्ड अंदर...

हुरैरा ने पाकिस्‍तान सरकार पर जेयूडी और एफआइएफ पर निशाना साधने का आरोप लगाया और इसके अपने संगठनों को उचित तौर पर चलाने में असफलता पर सवालिया निशान लगाया। उसने कहा, ‘सरकार अपने संगठनों को तो चलाने में असफल है फिर जेयूडी और एफआइएफ के तमाम स्‍कूलों, अस्‍पतालों और मदरसों को कैसे चला सकेगी।‘ अनेकों जगहों पर जेयूडी और एफआइएफ के बोर्ड हटा दिए गए हैं। वास्‍तविकता यही है कि पंजाब में इन संगठनों का केवल बाहर से ही नाम बदला है, इसके अंदर जेयूडी का काम जारी है। वहीं सिंध व बलूचिस्‍तान में स्‍थानीय दबाव के कारण जेयूडी के खिलाफ पाक ने सख्‍त कार्रवाई की है।

पाक सरकार ने होशियारी से जेयूडी और एफआइएफ के नाम इन संस्‍थानों से हटा दिए लेकिन ये बिना किसी नुकसान के काम कर रहे हैं। जेयूडी को अपनी गतिविधियों को रोकने के साथ सरकारी अथॉरिटी को अपने तमाम एंबुलेंस सौंपने के साथ ही इसके संगठनों पर से बोर्ड हटाने को कहा गया था।

शुक्रवार को ग्‍लोबल मनी लांड्रिंग वॉचडॉग फिनांशल एक्‍शन टास्‍क्‍ फोर्स द्वारा अपने आतंक फिनांश वाच लिस्‍ट में तीन साल के अंतराल के बाद फिर से पाकिस्‍तान को रखा गया। इससे पाकिस्‍तान की इकोनॉमी को गंभीर नुकसान हो सकता है।


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