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वरिष्ठ पत्रकार टेरी मिलेवस्की का दावा, भारत को लहूलुहान करना चाहता है पाक, खालिस्तान के पीछे भी उसी का हाथ

वरिष्ठ पत्रकार टेरी मिलेवस्की ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि खालिस्तानी आतंकवाद में पाकिस्तान की सीधी भूमिका है। पाकिस्‍तान इन आतंकियों को पाल रहा है...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sat, 19 Sep 2020 05:40 PM (IST)Updated: Sat, 19 Sep 2020 05:40 PM (IST)
वरिष्ठ पत्रकार टेरी मिलेवस्की का दावा, भारत को लहूलुहान करना चाहता है पाक, खालिस्तान के पीछे भी उसी का हाथ
वरिष्ठ पत्रकार टेरी मिलेवस्की का दावा, भारत को लहूलुहान करना चाहता है पाक, खालिस्तान के पीछे भी उसी का हाथ

ओटावा, एएनआइ। खालिस्तानी आतंकवाद में पाकिस्तान की भूमिका का पर्दाफाश करने वाली एक रिपोर्ट ने खलबली मचा दी है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आइएसआइ की मदद से खालिस्तान समर्थक समूह ने इस रिपोर्ट की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए हैं। इस पर वरिष्ठ पत्रकार टेरी मिलेवस्की ने पलटवार किया है। उन्होंने कहा, 'मेरी रिपोर्ट दस्तावेजी साक्ष्यों और विश्वसनीय सूत्रों के हवाले से है। सच्चाई को झुठलाया नहीं जा सकता। अपनी बात साबित करने के लिए खालिस्तान समर्थक कोई साक्ष्य नहीं दे पाए।'

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खालिस्तान समर्थक समूह का पत्र 'मैकडोनाल्ड-लॉयर इंस्टीट्यूट' के बोर्ड को संबोधित है। यह रिपोर्ट इसी कनाडाई थिंक टैंक ने प्रकाशित की है। 'खालिस्तान : एक प्रोजेक्ट ऑफ पाकिस्तान' शीर्षक से मिलेवस्की की रिपोर्ट इसी महीने के शुरुआत में आई है। इस रिपोर्ट के अनुसार खालिस्तान आंदोलन एक भू-राजनीतिक प्रोजेक्ट है, जिसे पाकिस्तान पाल-पोस रहा है। पाकिस्तान की इस हरकत से भारत और कनाडा, दोनों की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा हो गया है। भारत से लगातार आ रही खबरें बताती हैं कि पाकिस्तान प्रायोजित खालिस्तानी आतंकवाद कितना बड़ा खतरा है।

मिलेवस्की ने सिलसिलेवार ट्वीट के जरिये जवाब दिया है। उन्होंने कहा, 'खालिस्तान आंदोलनकारी पाकिस्तान के रहमोकरम पर हैं। भारत को लहूलुहान करने के लिए पाकिस्तान खालिस्तान को हवा दे रहा है, लेकिन इसे सिखों का भी समर्थन प्राप्त नहीं है। ऐसे में किसी सिख राज्य की स्थापना महज एक दिवा स्वप्न है, दूर की कौड़ी है। उन्होंने कहा कि कुछ खालिस्तानी नहीं चाहते कि लोगों को सच्चाई का पता चले। ये बात बिल्कुल सत्य और स्पष्ट है कि खालिस्तान आंदोलन के पीछे पाकिस्तान का हाथ है और इसे लोगों का समर्थन हासिल नहीं है। रिपोर्ट पर सवाल उठाने वाले किसी भी तथ्य को झुठला नहीं सकते। वे बस रिपोर्ट को खराब और भयावह बता रहे हैं।


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