खौफ के साए में आतंकी हाफिज सईद, जानिए उसके डर की वजह
हाफिज सईद ने लाहौर हाइकोर्ट में अर्जी लगाकर कहा है कि उसे पाकिस्तान सरकार एक बार फिर भारत और अमेरिका के दबाव में कार्रवाई कर सकती है।
नई दिल्ली [स्पेशल डेस्क]। कुख्यात आतंकी हाफिज सईद भारत के खिलाफ जहर उगलता रहता है। उसके हाथ मुंबई हमलों के पीड़ितों के खून से सने हैं। कश्मीर के आतंकियों को वो अपने नैतिक समर्थन देने की बात करता है। बेगुनाहों की मौत को वो हमेशा जायज ठहराता है। हाफिज कहता है कि अमेरिका और भारत उसकी आवाज दबाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन वो डरने वाला नहीं है। अल्लाह ने जिस नेक काम के लिए उसे भेजा है उसे अंजाम तक पहुंचाने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान में वो शैक्षणिक संस्थाओं को चलाता है। ये बात अलग है कि उसके संस्थानों से आतंकियों की खेप तैयार होती है। अमेरिका और भारत को सीधी चुनौती देना वाला हाफिज इस समय डरा हुआ है। उसकी अपील में वो डर साफ दिखाई दे रही है। डावोस में वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में मंगलवार को पीएम मोदी ने कहा कि इस समय विश्व तीन बड़ी चुनौतियों का सामना कर रहा है जिसमें आतंकवाद एक है। आइए आप को सबसे पहले बताते हैं कि लाहौर हाइकोर्ट में हाफिज जजों से क्या कुछ अपील कर रहा है।
एक आतंकी की हाइकोर्ट से अपील
अंतरराष्ट्रीय आतंकी और जमात-उत-दावा के मुखिया हाफिज सईद ने लाहौर हाइकोर्ट की तरफ एक बार रुख किया है। हाफिज ने कहा कि अमेरिका और भारत के दबाव में उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। हाफिज की तरफ से उसके वकील एक के डोगर ने लाहौर हाइकोर्ट में अर्जी दायर कर संभावित गिरफ्तारी पर रोक लगाने की अपील की है। अर्जी में कहा गया है कि 26 जनवरी को संयुक्त राष्ट्र संघ का एक प्रतिनिधिमंडल दौरा करने वाला है लिहाजा पाकिस्तान सरकार,अमेरिका के दबाव में कार्रवाई कर सकता है।यूएनएससी की 1267 प्रस्ताव समिति इस बात की जांच करेगी कि पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध संबंधी आदेशों का पालन कर रहा है या नहीं।
हाफिज ने नेकनीयती का दिया हवाला
हाफिज के वकील ने सईद की नेकनीयती का हवाला देते हुए कहा कि उसकी संस्था फलह-ए-इंसानियत पूरे पाकिस्तान में 142 से ज्यादा शैक्षणिक संस्थाएं संचालित कर रही है। इसके अलावा तीन विश्वविद्यालय अलग अलग ढंग से आम लोगों की भलाई में जुटे हुए हैं। डोगर ने कहा कि पब्लिक ऑर्डर ऑर्डिनेंस के जरिए हाफिज को हिरासत में रखा गया था। लेकिन हाइकोर्ट की रिव्यू बोर्ड ने सईद की हिरासत अवधि को इसलिए बढ़ाने से इंकार कर दिया कि क्योंकि सरकार पुख्ता साक्ष्य पेश करने में नाकाम रही थी। लाहौर हाइकोर्ट ने सईद की अपील पर आदेश देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है।
जानकार की राय
दैनिक जागरण से खास बातचीत में विदेश मामलों के जानकार हर्ष वी पंत ने कहा कि इस समय पाकिस्तान सरकार और वहां की सरजमीं से आातंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले संगठनों में खौफ है।दरअसल पाकिस्तान के शासक पहले अमेरिकी सरकार को दिग्भ्रमित करने में कामयाब हो जाते थे।लेकिन हक्कानी नेटवर्क के मुद्दे पर अमेरिकी प्रशासन के हाथ पुख्ता सबूत लगने के बाद अब पाकिस्तान की कोई भी दलील काम नहीं आ रही है। अमेरिका ने कार्रवाई करते हुए सैन्य मदद पर रोक लगा दी है, उसका असर वहां के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ के बयानों में देख सकते हैं। जहां तक भारत सरकार की बात है अंतरराष्ट्रीय जगत में हाफिज सईद, मसूद अजहर और सैय्यद सलाउद्दीन के मुद्दे पर वो अपनी बात साक्ष्यों के साथ पुख्ता तौर पर पेश कर रही है।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए हर्ष वी पंत ने कहा कि डावोस का मंच आर्थिक मुद्दों को उठाने के लिए किया जाता है। लेकिन उद्घाटन भाषण में पीएम मोदी ने कहा कि विकास और आर्थिक समृद्धि के लिए वैश्विक स्तर पर शांति और स्थिरता जरूरी है। लेकिन दुर्भाग्य से आतंकवाद का विषवेल दुनिया के सभी देशों में गहराई तक जड़ जमा चुका है। पीएम के इस बयान को आप व्यापक संदर्भ के तौर पर देख सकते हैं। हाफिज को अब ये चिंता सता रही है कि उसका खेल अब खत्म होने के कगार पर है। लिहाजा अब उसकी बातों में आप रहम के कुछ अंश देख सकते हैं।
मुंबई हमला और भारत सरकार की कोरी कल्पना
सईद के वकील ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान सरकार ने अमेरिका और भारत के दबाव में ही कार्रवाई की थी। सईद की नजरबंदी कोरी कल्पना पर आधारित थी जिसमें ये मान लिया गया कि वो किसी न किसी रूप में मुंबई हमलों से संबंधित था। डोगर ने अदालत से कहा कि वो इस बात को सुनिश्चित करे कि पाकिस्तान सरकार संविधान के अनुच्छेद 9 का सम्मान करते हुए सईद को कानून के विरुद्ध कोई कार्रवाई न करे। हाफिज सईद को दिसंबर, 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 1267 में शामिल किया गया था। अमेरिका ने जून 2014 में लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकी संगठन करार दिया था।
हाल ही में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित हाफिज सईद के खिलाफ बहुत सारे सबूत हैं।कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड सईद को क्लीनचिट दे दी थी।