जानिए, पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति और तानाशाह जिया-उल-हक पर लिखी पुस्तक क्यों जब्त की गई
पाकिस्तानी उपन्यासकार मुहम्मद हनीफ ने मंगलवार को बताया कि विगत सोमवार को आइएसआइ ने कराची में छापे डाले।
कराची, एपी। पाकिस्तानी उपन्यासकार और न्यूयार्क टाइम्स के स्तंभकार का कहना है कि उसके देश के पूर्व तानाशाह जिया-उल-हक पर लिखी उसकी किताब की सभी प्रतियां पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आइएसआइ ने जब्त कर ली हैं। इसके लिए आइएसआइ ने उसके प्रकाशक के यहां छापेमारी भी की है।
आइएसआइ ने कराची में छापे डाले
पाकिस्तानी उपन्यासकार मुहम्मद हनीफ ने मंगलवार को बताया कि विगत सोमवार को आइएसआइ ने कराची में छापे डाले। हनीफ की चर्चित किताब 'ए केस ऑफ एक्सप्लोडिंग मैंगोज' वर्ष 2008 में अंग्रेजी में प्रकाशित हुई थी। तब भी यह किताब खूब चर्चा में आई थी। इसमें लेखक ने दावा किया था कि वर्ष 1988 में विमान में रखी आम की पेटी में छिपे बम में विस्फोट करके तत्कालीन तानाशाह जिया उल हक की हत्या की गई थी। हालांकि पाकिस्तान के पूर्वी पंजाब प्रांत में हुए इस विमान हादसे में हक के अलावा उसमें सवार अमेरिकी राजदूत अर्नाल्ड राफेल और तत्कालीन आइएसआइ प्रमुख जनरल अख्तर अब्दुर रहमान भी मारे गए थे।
सैन्य तानाशाह की छवि को खराब करने का आरोप
मुहम्मद हनीफ की यह किताब अब एक दशक बाद उर्दू में प्रकाशित हुई है। हनीफ का आरोप है कि जिया-उल-हक के परिजनों ने प्रकाशक को एक चिट्ठी भेजकर इस किताब के प्रकाशन पर ऐतराज जताया है। उनका कहना है कि यह किताब 1977 में पाकिस्तान में तख्तापलट करने वाले सैन्य तानाशाह की छवि को खराब करती है। हनीफ ने आरोप लगाया कि परिजनों की इस शिकायत के बाद ही आइएसआइ ने उनकी किताबें जब्त की हैं।