सिंधु घाटी का दौरा करेंगे भारत-पाक के अधिकारी, खत्म होगा कई परियोजनाओं पर गतिरोध
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बताया कि 1960 की संधि के तहत सिंधु आयोग को मजबूत करने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा हुई।
लाहौर, प्रेट्र। सिंधु नदी जल समझौते पर भारत और पाकिस्तान के अधिकारियों की दो दिवसीय बैठक शुक्रवार को संपन्न हो गई। इसमें फैसला लिया गया कि विभिन्न जल विद्युत परियोजनाओं पर गतिरोध खत्म करने के लिए दोनों देशों के सिंधु आयुक्त सिंधु घाटी का दौरा करेंगे। पाकिस्तान में 18 अगस्त को इमरान खान के नेतृत्व में नई सरकार बनने के बाद दोनों देशों के बीच यह पहली आधिकारिक बातचीत थी।
बैठक में भाग लेने के लिए जल आयुक्त पीके सक्सेना के नेतृत्व में नौ सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल पाकिस्तान गया था। पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बताया कि 1960 की संधि के तहत सिंधु आयोग को मजबूत करने के उपायों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में चेनाब नदी पर एक हजार मेगावाट पाकल दुल और 48 मेगावाट लोअर कलनाई पनबिजली परियोजनाओं पर आपत्ति जताई थी। इससे संबंधित तकनीकी पहलुओं पर भी बातचीत हुई। सिंधु आयोग की अगली बैठक भारत में होगी। इसकी तारीख की घोषणा बाद में की जाएगी।
पाकिस्तानी मीडिया में चल रही खबरों में कहा जा रहा है कि भारत ने पाकिस्तानी विशेषज्ञों को पाकल दुल और लोअर कलनाई पनबिजली परियोजनाओं का दौरा करने का निमंत्रण दिया है। इसका मकसद इन परियोजनाओं को लेकर पाकिस्तान की चिंता को दूर करना है। बैठक के दौरान भारत ने निर्माण कार्य रोकने से इन्कार कर दिया। भारत ने पाकिस्तान की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि दोनों पनबिजली परियोजनाओं पर निर्माण कार्य जारी रहेगा। भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने पाकिस्तान की आपत्तियों का गहराई से अध्ययन किया और अपना पक्ष भी रखा।