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पाकिस्तान में जिहाद के लिए चंदा एकत्र करना देशद्रोह जैसा अपराध, लाहौर हाईकोर्ट का अहम फैसला

हाईकोर्ट ने कहा टीटीपी एक बदनाम और गैरकानूनी संगठन है जिसने कई सरकारी संस्थाओं और उच्च पदों पर कार्य करने वाले लोगों को नुकसान पहुंचाया है। संगठन ने देश में कई बड़ी आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है।

By Dhyanendra Singh ChauhanEdited By: Published: Thu, 27 Jan 2022 07:31 PM (IST)Updated: Thu, 27 Jan 2022 07:31 PM (IST)
पाकिस्तान में जिहाद के लिए चंदा एकत्र करना देशद्रोह जैसा अपराध, लाहौर हाईकोर्ट का अहम फैसला
लाहौर हाईकोर्ट ने टीटीपी के दो आतंकियों की सजा बरकरार रखते हुए दी व्यवस्था (फाइल फोटो)

लाहौर, प्रेट्र। पाकिस्तान में लाहौर हाईकोर्ट ने आतंकी गतिविधियों पर नियंत्रण के सिलसिले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। कहा है कि देश में अब कोई भी व्यक्ति या संगठन जिहाद के नाम पर चंदा एकत्रित नहीं कर सकता है। अगर कोई जिहाद के लिए चंदा लेते हुए मिला तो उसके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज होगा। हाईकोर्ट ने दो आतंकियों की सजा के खिलाफ अपील को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया है। दोनों आतंकी एक आतंकी संगठन के लिए धन वसूली करते हुए पकड़े गए थे।

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तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकियों मुहम्मद इब्राहिम और उबैदुर रहमान को आतंकी गतिविधियों के लिए धन एकत्रित करते हुए पिछले साल सरगोधा से गिरफ्तार किया गया था। इसी महीने पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत ने उन्हें आतंकी वारदात के लिए धन एकत्रित करने का दोषी मानते हुए पांच-पांच साल की सजा सुनाई थी। दोनों आतंकियों ने इस सजा के खिलाफ लाहौर हाईकोर्ट में अपील की थी। उनकी याचिका पर सुनवाई के बाद जस्टिस अली बकार नजफी की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने जिहाद के लिए धन उगाही को देशद्रोह के बराबर का अपराध करार दिया। पीठ ने पूरे देश में जिहाद के लिए किसी भी तरीके से धन उगाही पर रोक लगा दी है।

हाईकोर्ट ने कहा, टीटीपी एक बदनाम और गैरकानूनी संगठन

पीठ ने कहा कि यह सरकार का काम है कि वह युद्ध की स्थिति में जरूरत पड़ने पर धन का इंतजाम करे। लेकिन इस कार्य के लिए किसी व्यक्ति या संगठन को इजाजत नहीं दी जा सकती। हाईकोर्ट ने कहा, टीटीपी एक बदनाम और गैरकानूनी संगठन है, जिसने कई सरकारी संस्थाओं और उच्च पदों पर कार्य करने वाले लोगों को नुकसान पहुंचाया है। संगठन ने देश में कई बड़ी आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है। ये सारी वारदातें धन के बगैर नहीं हो सकती थीं।

विदित हो कि मुंबई आतंकी हमले का मास्टर माइंड और जमात-उद-दावा का सरगना हाफिज सईद आतंकी कार्यो के लिए धन एकत्रित करने का दोषी पाए जाने पर ही लाहौर की जेल में सजा काट कर रहा है। आतंकी गतिविधियों के लिए धन एकत्रित करने के पांच मामलों में सईद को कुल 36 साल के कारावास की सजा मिली है। वह संयुक्त राष्ट्र का घोषित आतंकी भी है। उस पर अमेरिका ने एक करोड़ डालर (करीब 75 करोड़ रुपये) का इनाम घोषित कर रखा है।


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