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Imran in USA: पाक पीएम का दूसरा बड़ा कबूलनामा, कहा- पाकिस्‍तानी फौज ने दी थी अल कायदा को ट्रेनिंग

अमेरिका में इमरान खान ने कबूला है कि पाकिस्‍तानी फौज और आईएसआई दोनों ने मिलकर अल कायदा एवं अन्य आतंकी समूहों को अफगानिस्तान में लड़ने के लिए ट्रेनिंग दी थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 24 Sep 2019 07:16 AM (IST)Updated: Tue, 24 Sep 2019 01:27 PM (IST)
Imran in USA: पाक पीएम का दूसरा बड़ा कबूलनामा, कहा- पाकिस्‍तानी फौज ने दी थी अल कायदा को ट्रेनिंग
Imran in USA: पाक पीएम का दूसरा बड़ा कबूलनामा, कहा- पाकिस्‍तानी फौज ने दी थी अल कायदा को ट्रेनिंग

न्‍यूयॉर्क, आइएएनएस। अमेरिका में इमरान खान ने एकबार फ‍िर पाकिस्‍तानी सेना और जासूसी एजेंसी आईएसआई की पोल खोली है। इमरान ने कबूला है कि पाकिस्‍तानी फौज और उनके मुल्‍क की जासूसी एजेंसी आईएसआई दोनों ने अल कायदा एवं अन्य आतंकी समूहों को अफगानिस्तान में लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया था। यही नहीं पाकिस्‍तानी आर्मी और आईएसआई दोनों के संबंध अल कायदा एवं अन्य आतंकी समूहों से थे। आतंकवाद के मसले पर इमरान का यह बयान पाकिस्तान के सबसे बड़े कबूलनामों में एक माना जा रहा है। सनद रहे कि ओसाम बिन लादेन के नेतृत्व वाले आतंकी संगठन अल कायदा ने ही 9/11 हमले को अंजाम दिया था।

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पाकिस्‍तानी फौज की खोली पोल 

अमेरिकी थिंक टैंक काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस (CFR) के एक कार्यक्रम में सोमवार को यह पूछे जाने पर कि क्‍या पाकिस्‍तान ने इस बात की जांच कराई थी कि ओसामा बिन लादेन पाकिस्‍तान में कैसे रह रहा था। इमरान खान ने पाकिस्‍तानी सेना और अल कायदा की पोल खोलते हुए कहा कि अफगानिस्‍तान में लड़ रहे अल कायदा और अन्‍य दूसरे आतंकी संगठनों के संबंध पाकिस्‍तानी फौज और मुल्‍क की जासूसी एजेंसी आईएसआई से रहे हैं, क्‍योंकि दोनों ने ही इन्‍हें अफानिस्‍तान में लड़ने के लिए प्रशिक्ष‍ित किया था। 

पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख का किया बचाव 

इमरान खान ने कहा कि 9/11 हमले के बाद जब हमने इन आतंकी संगठनों से मुंह मोड़ने का काम शुरू किया तो पाकिस्‍तान में कोई भी हमारे फैसले से सहमत नहीं था। पाकिस्तानी आर्मी भी खुद को बदलना नहीं चाहती थी। यही वजहें रही कि पाकिस्‍तान को भी आतंकी हमलों का शिकार होना पड़ा। हालांकि, इमरान ने लादेन के एबटाबाद में छिपकर रहने के बारे में तत्‍कालीन पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख और आईएसआई चीफ का बचाव भी किया। उन्‍होंने अमेरिकी राष्‍ट्रपति बराक ओबामा का हवाला देते हुए कहा कि पाकिस्तान की सेना को इस बात की भनक नहीं थी कि लादेन एबटाबाद में रह रहा है। 

पाक दुनिया का सबसे खतरनाक मुल्‍क...?

इमरान खान ने कहा कि जहां तक मुझे जानकारी है कि पाकिस्‍तानी सेना प्रमुख और आईएसआई चीफ को भी यह उम्‍मीद नहीं थी कि लादेन एबटाबाद में रहा रहा है। ओसामा बिन लादेन के एबटाबाद में छिपकर रहने के बारे में यदि किसी को कोई जानकारी रही भी होगी तो वह बेहद निचले स्‍तर पर रही होगी। इमरान से यह पूछे जाने पर कि पूर्व अमेरिकी रक्षा मंत्री जेम्‍स मैटिस ने पाकिस्‍तान को दुनिया का सबसे खतरनाक मुल्‍क करार दिया था इस पर आपका क्‍या कहना है...

अमेरिका का साथ देकर बड़ी गलती की 

इमरान खान ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि जेम्स मैटिस इस बात को पूरी तरह समझते हैं कि पाकिस्तान कट्टरपंथी क्यों बना...  9/11 हमले के बाद पाकिस्तान ने एक बड़ी भूल की थी। पाकिस्‍तान ने इस हमले के बाद आतंकवाद के खिलाफ अपनी लड़ाई में अमेरिका को शामिल करके सबसे बड़ी गलती की। इसी भूल का नतीजा है कि इन लड़ाइयों में 70 हजार पाकिस्‍तानी मारे गए। कुछ अर्थशास्त्रियों का तो यह भी आकलन है कि अमेरिका को साथ लेने के कारण पाकिस्‍तान की अर्थव्‍यवस्‍था को 200 अरब डॉलर का नुकसान हुआ है।

जिहाद की लड़ाई लड़ रहे थे संगठन 

पाकिस्‍तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि अफगानिस्‍तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अमेरिका के नहीं जीत पाने के लिए हमें जिम्‍मेदार ठहराया गया। हमें इस सच्‍चाई को माननी होगी कि 1980 के दशक में अफगानिस्तान में सोवियत संघ से लड़ने के लिए जिन समूहों को ट्रेनिंग दी गई थी अमेरिका ने उन्‍हीं को ही आतंकवादी मान लिया था। जबकि वे विद्रोही संगठन इस जिद पर अड़े थे कि उन्‍हें विदेशी कब्‍जे के खिलाफ जिहाद करना है।  

आईएसआई ने दुनियाभर के मुसलमानों को बनाया जेहादी

इमरान खान ने कहा कि ISI ने दुनियाभर के मुस्लिम देशों से लोगों को बुलाकर ट्रेनिंग दी थी ताकि वे सोवियत यूनियन के खिलाफ जेहाद कर सकें। उस वक्‍त अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्‍ड रीगन ने उनके दिलेरी की तारीफ की थी। अफगानिस्तान की समस्या का समाधान सेना के जरिए नहीं हो सकता है। हमने साल 2008 में ओबामा प्रशासन से भी यही बात कही थी। हमें वास्‍तविकता समझनी होगी कि अफगान लोग विदेशी ताकतों के खिलाफ हमेशा एकजुट होते रहे हैं। तालिबान भी मानता है कि कू‍टनीतिक तरीके से ही मसले का हल निकल सकता है। 

इमरान का दूसरा बड़ा कबूलनामा

अल कायदा और उसके सरगना ओसामा बिन लादेन को लेकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री का पिछले तीन महीने में यह दूसरा बड़ा कबूलनामा है। इससे पहले जुलाई में इमरान खान ने कहा था कि पाकिस्तान को ओसामा बिन लादेन की मौजूदगी का पता था। उस वक्‍त इमरान ने कहा था कि पाकिस्‍तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने ही सीआईए को ओसामा की मौजूदगी के बारे में बताया था। इसी जानकारी के आधार पर अमेरिका ने लादेन को मारने में सफलता पाई थी। बता दें कि अमेरिकी मरीन कमांडो ने ओसामा को 02 मई, 2011 की आधी रात को एक बड़े ऑपरेशन में पाकिस्तान में घुसकर मार गिराया था। 

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