इमरान खान 11 अगस्त को लेंगे पाक प्रधानमंत्री पद की शपथ, कई पार्टियां दे सकती हैं समर्थन
पाकिस्तान की 342 सीटों वाली नेशनल एसेम्बली में 272 सीटों पर प्रत्यक्ष निर्वाचन होता है। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कुल में से 172 सीटों की जरूरत होती है।
पेशावर, प्रेट्र। आम चुनाव में खंडित जनादेश मिलने के बाद पाकिस्तान में नई सरकार के गठन के लिए सियासी जोड़-तोड़ जोरों पर है। इस बीच संसद में सबसे पड़ी पार्टी बनकर उभरी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआइ) के अध्यक्ष इमरान खान ने कहा है कि वे 11 अगस्त को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। रेडियो पाकिस्तान ने खुद इमरान के हवाले से कहा कि वे 11 अगस्त को पदभार संभालेंगे।
सोमवार को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के नवनिर्वाचित पार्टी विधायकों को संबोधित करते हुए पीटीआइ नेता ने कहा कि मैंने राज्य के अगले मुख्यमंत्री का फैसला कर लिया है। अगले 48 घंटों के अंदर उनके नाम का एलान कर दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सिंध प्रांत की गरीबी खत्म करना उनकी सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल होगा।
अभी यह स्पष्ट नहीं है कि इमरान अकेले शपथ लेंगे या उनके साथ उनका मंत्रिमंडल भी शपथ लेगा। इससे पहले रविवार को पीटीआइ ने कहा था कि 14 अगस्त से पहले इमरान प्रधानमंत्री पद की शपथ ले लेंगे। पार्टी प्रवक्ता नईमुल हक ने कहा था कि संसद में बहुमत हासिल करने के लिए वह छोटी पार्टियों और निर्दलीय सांसदों से संपर्क कर रही है। उल्लेखनीय है कि नेशनल असेंबली के चुनाव में पीटीआइ 116 सीटें झटकने में कामयाब रही। -
पीएमएल-एन और पीपीपी ने मिलाया हाथ
नेशनल असेंबली में दूसरे नंबर की पार्टी पीएमएल-एन और तीसरे नंबर पर रही पीपीपी ने इमरान खान के प्रधानमंत्री बनने की स्थिति में एक साथ आने का फैसला किया है। संसद में पीएमएल-एन के 64 और पीपीपी के 43 सदस्य हैं। दोनों पार्टियों ने कहा है कि इमरान सरकार के खिलाफ संयुक्त रणनीति अपनाई जाएगी।
उधर, नेशनल असेंबली में नवाज शरीफ की पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) की 64 और बिलावल भुट्टो की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की 43 सीटें हैं। पाकिस्तान की 342 सीटों वाली नेशनल एसेम्बली में 272 सीटों पर प्रत्यक्ष निर्वाचन होता है। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए कुल में से 172 सीटों की जरूरत होती है, हालांकि निर्वाचित 272 सीटों में उसे 137 सीटें ही चाहिए होती हैं। सदन में 60 सीटें महिलाओं के लिए जबकि 10 सीटें धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए आरक्षित हैं।