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पाकिस्तान: मस्जिद में पानी लेने गए हिंदू शख्स को किया गया प्रताड़ित, नहीं हो रही सुनवाई

पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब एक हिंदू परिवार मुश्किल में पड़ गया है। दरअसल पंजाब प्रांत में एक मस्जिद से पीने का पानी लाए जाने के बाद एक शख्स को बंधक बनाया गया है।

By Pooja SinghEdited By: Published: Mon, 20 Sep 2021 12:52 PM (IST)Updated: Mon, 20 Sep 2021 02:32 PM (IST)
पाकिस्तान: मस्जिद में पानी लेने गए हिंदू शख्स को किया गया प्रताड़ित, नहीं हो रही सुनवाई
पाकिस्तान: मस्जिद में पानी लेने गए हिंदू शख्स को किया गया प्रताड़ित, नहीं हो रही सुनवाई

इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान में हिंदुओं पर अत्याचार थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। अब एक और हिंदू परिवार मुश्किल में पड़ गया है। दरअसल, पंजाब प्रांत में एक मस्जिद से पीने का पानी को लाने पर बवाल मच गया। मस्जिद में प्रवेश कर पानी लिए जाने के आरोप में हिंदू शख्स को बंधक बना लिया गया। उसपर आरोप लगाया गयि है कि शख्स ने धार्मिक स्थल की पवित्रता का उल्लंघन किया है। वहीं, धर्म के नाम पर अपनी रोटियां सेक रहे लोगों ने शख्स को बुरी तरह से प्रताड़ित भी किया।

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रहीमियार खान शहर का रहने वाला पीड़ित, नहीं दर्ज हुई शिकायत

पंजाब के रहीमियार खान शहर के रहने वाले आलम राम भील अपनी पत्नी समेत परिवार के अन्य सदस्यों के साथ एक खेत में कच्चा कपास उठा रहे थे। भील ने बताया कि जब उनका परिवार एक नल से पीने का पानी लेने के लिए पास की एक मस्जिद के बाहर गया, तो कुछ स्थानीय जमींदारों ने उन्हें पीटा। डान अखबार इसकी जानकारी देते हुए बताया कि जब परिवार कपास को उतार कर घर लौट रहा था, तो जमींदारों ने उन्हें अपने आउटहाउस में बंधक बना लिया और मस्जिद की पवित्रता का उल्लंघन करने के लिए उन्हें फिर से प्रताड़ित किया। भील बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज नहीं किया क्योंकि हमलावर प्रधानमंत्री इमरान खान की सत्तारूढ़ पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) पार्टी के एक स्थानीय सांसद से संबंधित थे।

थाने के बाहर आलम राम भील ने दिया धरना, आपात बैठक बुलाने का किया अनुरोध

इसके बाद पुलिस के खिलाफ विरोध करते हुए भील ने कबीले के एक अन्य सदस्य पीटर जान भील के साथ थाने के बाहर धरना दिया। जिला शांति समिति के सदस्य पीटर ने कहा कि उन्होंने सत्तारूढ़ पीटीआई विधायक जावेद वरियाच से संपर्क किया, जिन्होंने शुक्रवार को मामला दर्ज करने में उनकी मदद की। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीटर ने जिला शांति समिति के अन्य सदस्यों से इस मुद्दे पर एक आपात बैठक बुलाने का अनुरोध किया, लेकिन उन्होंने मामले को गंभीरता से नहीं लिया।


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