पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने भी जलाए दीये, कोरोना से जंग में एकजुटता का दिया संदेश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील पर पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने भी 9 बजे 9 मिनट कार्यक्रम के तहत में दीप प्रज्ज्वलित किया।
इस्लामाबाद, एएनआइ। कोरोना वायरस के खिलाफ युद्ध में एकजुटता दिखाने कि लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर रविवार को पूरे देश ने एक साथ मिलकर नौ मिनट की दिवाली मनाई। पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की '9 बजे, 9 मिनट' कार्यक्रम के तहत में दीप प्रज्ज्वलित किया।
प्रधानमंत्री मोदी ने सभी भारतीयों से नौ मिनट तक दीया, मोमबत्ती और टॉर्च की रोशनी के साथ अपनी एकजुटता दिखाने को कहा था। रविवार रात को ठीक नौ बजते ही लोगों ने अपने-अपने घरों की लाइटें बंद कर दी और दीया जलाकर कोरोना वायरस को हराने का संकल्प लिया।
#WATCH: Members of High Commission of India in Pakistan lit the lamps. PM Narendra Modi had appealed to all to switch off all lights of houses today at 9 PM for 9 minutes & just light a candle, 'diya' or mobile's flashlight, to mark fight against #COVID pic.twitter.com/SRgXuTD98a — ANI (@ANI) April 5, 2020
बता दें कि शुक्रवार को पीएम मोदी ने एक वीडियो मैसेज जारी कर देश से कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुट होने की अपील की थी। पीएम ने लोगों से अपील करते हुए कहा था कि इस रविवार 5 अप्रैल को रात 9 बजे घर की सभी लाइटें बंद करके 9 मिनट के लिए मोमबत्ती, दीया, टॉर्च या मोबाइल की फ्लैशलाइट जलाएं। इससे पहले पीएम मोदी ने जनता कर्फ्यू के दौरान लोगों से ताली और थाली बजाकर चिकित्सा पेशेवरों के प्रति आभार व्यक्त करने के की अपील की थी, जो कोरोना वायरस के खिलाफ देश की लड़ाई में सबसे आगे हैं।
इस अवसर पर राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद, प्रधानमंत्री मोदी और विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं ने दीपक जलाकर एकजुटता का संदेश दिया। वहीं, चेन्नई में लोगों ने मिट्टी का दिपक जलाकर भारत का नक्शा बनाया, जबकि लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने निवास पर 'ओम' आकृति में मिट्टी के दीपक जलाए।
बता दें कि तबलीगी जमात की लापरवाही के बाद से देश में कोरोना वायरस के मामलों में जेती आ गई है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक कोरोना वायरस के अबतक 83 लोगों की मौत हो चुकि है, जबकि 3577 लोग संक्रमित हैं। इसमें से ज्यादातर मामले तबलीगी जमात से जुड़े लोगों के हैं।