पाकिस्तान में चरम पर महंगाई, 49 फीसद लोग इमरान खान को मानते हैं जिम्मेदार
कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच पाकिस्तान में महंगाई सारे रिकॉर्ड तोड़ रही है। लोगों को गैस सिलेंडर के लिए भी हजारों रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। एक सर्वे में 50 फीसद पकिस्तानी महंगाई के लिए इमरान सरकार को दोषी मानते हैं।
इस्लामाबाद, एएनआइ। पाकिस्तान में पिछले एक साल के दौरान महंगाई अपने चरम पर पहुंच गई है। आटा, दाल, चीनी जैसे जरुरी सामानों के भाव आसमान छू रहे हैं। लोग इसके लिए पाकिस्तान की इमरान सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार मानते हैं। एक सर्वे में सामने आया है कि पाकिस्तान के कम से कम 49 फीसद लोगों का मानना है कि देश में महंगाई के लिए पाकिस्तान की तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सरकार जिम्मेदार है।
इप्सोस के एक नए सर्वेक्षण के अनुसार, पाकिस्तान में महंगाई ने सभी वर्गों को प्रभावित किया है, लेकिन नीचे के तबके सबसे अधिक पीड़ित हैं। 28 अक्टूबर से 4 नवंबर तक किए गए शोध में पता चला है कि आधे पाकिस्तानियों ने मुद्रास्फीति के लिए संघीय सरकार को दोषी ठहराया है।
इसमें से केवल 15 प्रतिशत लोगों ने कहा कि इसके लिए पिछली सरकारें दोषी हैं। 49 फीसद लोगों ने इस संकट के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया, 17 फीसद ने प्रांतीय सरकारों को जिम्मेदार माना है, जबकि केवल 8 फीसद ने एक अज्ञात माफिया को दोषी ठहराया।
मुद्रास्फीति के लिए संघीय सरकार को जिम्मेदार मानने वालों में से सबसे ज्यादा बलूचिस्तान में सबसे 59 फीसद हैं। उसके बाद खैबर पख्तूनख्वा में 58 फीसद, पंजाब में 46 फीसद और सिंध में 44 फीसद इमरान सरकरा को जिम्मेदार मानते हैं।
सर्वेक्षण से यह भी पता चला है कि महंगाई ने 97 फीसद लोगों को प्रभावित किया है। इप्सोस ने लोगों से पूछा कि क्या वे कीमतों में वृद्धि के बारे में चिंतित हैं। इसके जवाब देते हुए 88 फीसद लोगों ने माना की वह चिंतित हैं। सर्वेक्षण के अनुसार, कोरोनो वायरस महामारी के कारण 5 में से 4 पाकिस्तानियों (83 प्रतिशत) को अपनी आय में कटौती का सामना करना पड़ा है।